भगवान् श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर मंदिरों में उमडेगी भीड़

श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर मंदिरों में उमडेगी भीड़

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2024 11:33 PM

खगड़िया. कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियों पुरी हो गई है. कृष्णाष्टमी व्रत सनातन धर्म के लिए अनिवार्य है. जिन्हें मोह रात्रि अष्टमी व्रत भी कहा जाता हैं. समाज के सभी वर्गों के लोग भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को अपनी शक्ति के अनुसार मनाते है. संसारपुर निवासी अजयकांत ठाकुर ने बताया कि सोमवार को सुबह से मध्य रात्रि यानी बारह बजे तक उपवास रखेंगे. अर्द्ध रात्रि के समय शंख,तथा घंटों के साथ से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. विभिन्न मंदिरों में इसकी तैयारियों अंतिम चरण पर हैं. कुछ मंदिरों में रात के बारह बजे गर्भ से जन्म लेने के प्रतीक स्वरूप खीरा चीर कर बालगोपाल की लीला,भजन ,गोविन्द उत्सव मनाते हैं. उपवास करने वाले भक्त गण को रात्रि में “ऊँ नमोभगवतेवासुदेवाय “का जाप आवश्य करना चाहिए.

अष्टमी तिथि

अष्टमी तिथि का प्रारंभ 26 अगस्त को सुबह 8 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगा और अष्टमी तिथि का समापन 27 अगस्त की 6 बजकर 41 मिनट पर होगा. इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को ही मनाई जाएगी. 27 को वैष्णव संप्रदाय वाले कृष्णाष्टमी, जनमोत्सव मनाएंगे.

शुभ योग

जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर इस साल कई शुभ योग बने हैं. इस दिन रोहिणी नक्षत्र के साथ शुभ योग, जयंती योग, सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है. इस शुभ संयोग में कान्हाजी के जन्मोत्सव का व्रत करना और भी शुभफलदायक माना जाता है.

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