अंतरिक्ष का सफर चुनौतीपूर्ण एवं कठिनाइयों से भरा रहा: प्राचार्या
अंतरिक्ष का सफर चुनौतीपूर्ण एवं कठिनाइयों से भरा रहा: प्राचार्या
खगड़िया. एसएल डीएवी पब्लिक स्कूल में प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस शुक्रवार को मनाया गया. मौके पर छात्रों ने अंतरिक्ष यान का मॉडल बनाया. बह्ममांड की ओर भारत के बढ़ते कदम विषय पर छात्रों ने विचार व्यक्त किया. प्राचार्या उमा मिश्रा ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष का सफर बहुत चुनौतीपूर्ण एवं कठिनाइयों से भरा हुआ रहा है. वर्ष 1963 में भारत के पहले रॉकेट के पुर्जों को एक साइकिल पर लाया गया. लेकिन भारत के वैज्ञानिकों के त्याग एवं लगन के कारण भारत की अंतरिक्ष जगत में लगातार सफलता मिलती रही है. भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ विक्रम सारा भाई के त्याग एवं परिश्रम की जानकारी बच्चों को दी. इस अवसर पर कक्षा 12वीं के छात्रा भव्या, सचिन, श्रुति, अभिनव एवं स्नेहा ने विचार व्यक्त किया. कक्षा 11वीं की छात्रा ईपिश्ता, कृतिका, अन्नू, मन्नु एवं खुशी ने उत्कृष्ट पेंटिंग बनाई. कार्यक्रम को समन्वय गणित शिक्षक संजीव कुमार मिश्रा एवं विज्ञान शिक्षक कृष्ण मोहन कुमार ने किया.
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