आधार कार्ड सेंटर पर नहीं है कोई व्यवस्था, कड़ी धूप में लोगों के छूट रहे पसीने

आधार कार्ड सेंटर पर नहीं है कोई व्यवस्था

By Prabhat Khabar News Desk | June 11, 2024 11:58 PM

साहब इस आग उगलती भीषण गर्मी की तपिश से तो बचाईये, जिम्मेदार की चुप्पी से व्यवस्था हुई बेपटरी आधार सेंटर पर अपडेशन कार्य को लेकर नौनिहाल एवं इनके परिजनों के छूट रहे पसीने फोटो 4 में कैप्सन. चिलचिलाती धूप में आधार सेंटर के खिड़की पर उमड़ी लोगों की भीड़. प्रतिनिधि, बेलदौर प्रखंड मुख्यालय के आधार सेंटर इन दिनों आधार अपडेशन कार्य को लेकर सुर्खियों में है, राशन कार्ड या अन्य आवश्यक काम में बच्चे का थंब इंप्रेशन अपडेट नहीं रहना इनके अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. बीते एक सप्ताह से इस भीषण गर्मी एवं चिलचिलाती धूप की परवाह किए बगैर अभिभावक अपने नौनिहाल बच्चों को लेकर आधार सेंटर पहुंच रहे हैं एवं किसी तरह काम हो जाने को लेकर प्रतिनियुक्त कर्मी की चिरौरी करते नजराना देकर भी आधार अपडेशन करवाना उनकी बेवशी बनी हुई है. इसके बावजूद भी जिम्मेदार मौन है. जबकि भीषण गर्मी एवं चिलचिलाती धूप में लोग दिन भर काउंटर के बाहर लटके धक्का मुक्की करते अपनी बारी का इंतजार करते पसीने-पसीने होते नजर आ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक मंगलवार को भी सुबह करीब सात बजे से ही सैकड़ों अभिभावक एवं इनके बच्चों की भीड़ प्रखंड कार्यालय परिसर के बाल विकास परियोजना कार्यालय के समीप आधार कार्ड सेंटर काउंटर उमड़ पड़ी. धीरे-धीरे धूप का तापमान बढ़ने के साथ ही लोगों की परेशानी बढ़ने लगी करीब 9 बजे जब प्रतिनियुक्त कर्मी उक्त काउंटर पर पहुंचा तो आधार जमा करने के लिए लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई. इस बीच बच्चे काफी परेशान नजर आए. वहीं आधार अपडेशन के अलावे जब नये आधार कार्ड नहीं बनने की सूचना दी गई तो दर्जनों लोग मायूस होकर इस गर्मी में परेशान होते लौट गये, जबकि आधार अपडेशन कार्य के लिए दिनभर अभिभावक एवं इनके बच्चों को झुलसना पड़ा. इससे लोगों में घोर नाराजगी पनप रही थी. नाराज ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को भी दिनभर तेज धूप में झुलसने के बाद बैरंग लोटना पड़ा. जबकि मात्र 40 लोग का आधार अपडेशन हो सका आज भी काम होगा कि नहीं इसका भरोसा देने वाले भी कोई नहीं है, सर्वाधिक परेशानी मासूम बच्चों को हो रही है जबकि सरकार इस भीषण गर्मी को देख विद्यालय में छुट्टी दे दिए हैं. लेकिन आधार कार्ड में तकनीकी अड़चन में सुधार को लेकर दूरदराज से बच्चों को लेकर बेलदौर आना पड़ रहा है. जब काउंटर पर पहुंचते हैं तो दो सौ रुपए चढ़ावा देकर ही काम होता है लेकिन इस चिलचिलाती धूप में न तो सेड की व्यवस्था न तो पेयजल की व्यवस्था करना किसी ने मुनासिब समझा, आखिर अपना दर्द सुनाये तो किसको. जिम्मेदार मौन बने हुुए हैं.

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