मौसम का बदला मिजाज, अस्पताल में बढ़ने लगे उल्टी, दस्त, बुखार के मरीज

पिछले एक महीने से जारी भीषण गर्मी का सीधा असर अब लोगों के शरीर पर पड़ रहा है

By Prabhat Khabar Print | June 29, 2024 12:01 AM

गोगरी. पिछले एक महीने से जारी भीषण गर्मी का सीधा असर अब लोगों के शरीर पर पड़ रहा है. ज्यों ज्यों गर्मी बढ़ रही है वैसे अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. अस्पताल में चाहे दवा वितरण काउंटर हो फिर डॉक्टर का कक्ष सभी जगह भीड़ बढ़ने से मरीजों को इलाज कराने में परेशानी उठानी पड़ रही है. बढ़ती गर्मी से अनुमंडलीय अस्पताल में ज्यादातर मरीज उल्टी दस्त और पेट दर्द के पहुंच रहे हैं. शुक्रवार को अस्पताल में ऐसे दर्जनों मरीज पहुंचे थे जिन्हें उल्टी दस्त व पेट दर्द की शिकायत थी. इसमें कुछ मरीजों को भर्ती भी किया गया. जबकि अन्य का इलाज कर घर भेज दिया गया. डॉक्टर की माने तो डायरिया एक जल जनित बीमारी है. गर्मी बढ़ते ही लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए कहीं से भी पानी खरीद कर पीना शुरू कर देते हैं. इसलिए लोगों को इस मौसम में हमेशा साफ पानी या पानी को उबाल कर ही पीना चाहिए अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर चंद्र प्रकाश ने बताया कि गर्मी में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है. बच्चे दूषित पानी या फिर अन्य चीज खा लेते हैं. साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए. गर्मी के बचाव के लिए बच्चों का ख्याल रखना चाहिए. जैसे ही उल्टी सर दर्द आदि के लक्षण लिखे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. इन दिनों प्रचंड धूप और गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. प्रत्येक दिन का तापमान 35 डिग्री से 40 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है. गर्मी के कारण उल्टी, दस्त, बुखार, पेट में दर्द, सांस की बीमारी आदि रोग बच्चों में हो रहे हैं. ज्यादातर बच्चे उल्टी दस्त के अलावा वायरल फीवर से भी परेशान हो रहे हैं. रोजाना 8 से 10 बच्चे सरकारी अस्पताल में गर्मी से होने वाली बीमारी से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं. इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीज उपचार कर रहे हैं. अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टर कहते हैं कि ऐसे मौसम को हल्के में लेने की जरूरत नहीं है. क्योंकि यह मौसम भारी नुकसान पहुंचा सकता है. मौसम के उतार चढ़ाव में बीमारियां तेजी से बढ़ती है. बदलते मौसम के अनुकूल शरीर को डालना आसान नहीं रह गया है. ऐसे में खुद को बचाये रखने के लिए विशेष सतर्कता बरतनी जरूरी है.

तेजी से फैलता है संक्रमण

इस समय बादलों के बीच निकलने वाली असहनीय धूप और गर्मी के मौसम में संक्रमण तेजी से फैलता है और बैक्टीरिया आदि जीवाणु व रोगाणु की क्षमता भी अधिक हो जाती है. इसका मुख्य कारण है कि वातावरण व जलवायु में बदलाव. शरद गरम के चलते ही सर्दी जुकाम व वायरल जैसे रोग आसानी से शरीर को घेर लेते हैं. उतार चढ़ाव भरे मौसम में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी क्षीण हो जाती है. मौसम में ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक और एसी की आदतों को नहीं छोड़ पाये. जिससे सर्दी जुकाम या बुखार की गिरफ्त में आ जाते हैं.

यह आदतें हो सकती है नुकसान देह

जमालपुर के फिजिशियन डॉक्टर पंकज कुमार कहते हैं कि अक्सर देखने में आता है कि हम धूप और गर्मी से पसीने में लखपत आते हैं और एसी कूलर या पंखे के सामने बैठ जाते हैं या बाहर से आकर झट से फ्रिज का ठंडा पानी पी लेते हैं. इससे सर्द गर्म होने का खतरा बढ़ जाता है.

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