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अब्दुल-सुरेश के चक्कर में फंसे खान सर, सोशल मीडिया पर हो रही गिरफ्तारी की मांग, बचाव में उतरे यूजर्स

टीचिंग स्किल के कारण चर्चित हुए खान सर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. खान सर इस बार एक विवाद में घिर गये हैं. खान सर का एक छोटा सा वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. खान सर एक बार फिर ट्रेंड कर रहे हैं.

पटना. टीचिंग स्किल के कारण चर्चित हुए खान सर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. खान सर इस बार एक विवाद में घिर गये हैं. खान सर का एक छोटा सा वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. खान सर एक बार फिर ट्रेंड कर रहे हैं. खान सर इस बार अब्दुल व सुरेश के चक्कर में फंस गये हैं. सोशल मीडिया पर वो ट्रेंड हो रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी की मांग हो रही है. वैसे उनके बचाव में अब यूजर्स भी उतर आये हैं. खान सर पहले भी विवाद में रहे हैं. उस दौरान खान सर पर रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा के खिलाफ छात्रों के विरोध के बाद फैली हिंसा को भड़काने का आरोप लगा था, जिसमें बिहार पुलिस द्वारा केस भी दर्ज किया गया था. अब खान सर नयी वीडियो से एक बार फिर चर्चा में है.

कांग्रेस ने की गिरफ्तारी की मांग

दरअसल एक वीडियो क्लिप शेयर हो रहा है, जिसमें खान सर एक क्लास के दौरान द्वंद समास के बारे में छात्रों को समझा रहे हैं, इसी दौरान उन्होंने सुरेश और अब्दुल्ला नाम के दो व्यक्तियों का उदाहरण देते हुए अपने अंदाज में छात्रों को द्वंद समास के बारे में समझाया और यही टीचिंग स्किल अब खान सर को विवाद में ले आया है. कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने खान सर का एक छोटा सा वीडियो क्लिप शेयर करते हुए बिहार पुलिस से एक्शन की मांग की है.

लेखक अशोक पांडेय ने किया विरोध 

सुप्रिया श्रीनेत ने ट्विट करते हुए लिखा है कि, ‘घटिया निहायत ही घटिया – इसे गिरफ़्तार करना चाहिए और जो अट्टहास कर रहे हैं. इनकी भद्दी बेहूदा बातें सुन कर उनको सोचना चाहिए – कि क्या बन रहे हैं हम?. प्रसिद्ध इतिहासकार अशोक कुमार पाण्डेय ने कहा कि इसे नीचता की हद कहते हैं. ऐसे लोग शिक्षा का धंधा करते हुए समाज में नफरत फैलाने वाले घटिया धंधेबाज हैं. इस आदमी को तुरंत गिरफ्तार होना चाहिए.


यूजर्स ने उदाहरण को बताया गलत 

एक यूजर ने लिखा है कि खान सर अच्छे अध्यापक हैं, लेकिन गलत बता रहे हैं. खान सर द्वंद्व समास के बारे में विद्यार्थियों को गलत जानकारी दे रहे हैं. यह उदाहरण यमक अलंकार में तो दिया जा सकता है, लेकिन द्वंद्व समास में कभी नहीं. मां-बाप, बेटा-बेटी, लोटा-डोरी आदि में द्वंद्व समास है. एक अन्य यूजर ने यह लिखा है कि कितनी मुर्खता का परिचय दे रहे हैं, इतने बढ़िया टीचर को यह शोभा नहीं देता.

पक्ष में उतरे खान सर के समर्थक 

वैसे कुछ लोग खान सर का पक्ष रखते हुए भी नजर आये. खान सर के समर्थकों ने लिखा है कि सुप्रिया श्रीनेत कहना क्या चाहती है कि अमेरिका में 9/11 के दिन जहाज उड़ानेवाले लोगों में अब्दुल नहीं सुरेश था. यानी कि वो भी भगवा आतंकवाद था. एक अन्य यूजर ने खान सर का समर्थन करते हुए लिखा है कि … क्या ये अभिव्यक्ती स्वातंत्र नहीं है? वो एक सामाजिक सत्य ही तो बोल रहा है। कहां कोई ईल्जाम लगाया है. क्या भारत में ऐसी सोच नहीं बनी बैठी है आम आदमी के दिमाग में?

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