पटना का खेसारी गैंग बच्चों को धकेल रहा क्राइम की दुनिया में, भीख मांगने से लेकर कई अपराध को देते हैं अंजाम
पटना जंक्शन पर सक्रिय खेसारी गैंग 10 से 16 वर्ष तक के बच्चों को पहले फंसाता है, फिर नशे की लत लगा कर अपराध की ट्रेनिंग देता है. इन लोगों से भीख मंगवाने से ले कर छोटे-छोटे आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिलाया जाता है. इस गैंग में कुछ महिलाएं भी हैं.
संजीव झा, धनबाद. पटना का गैंग धनबाद सहित आस-पास के स्टेशनों पर बाल अपराधियों की सप्लाई कर रहा है. इस गैंग का संचालन पटना का अपराधी खेसारी उर्फ कछुआ करता है. वह 10 से 16 वर्ष तक के बच्चों को पहले फंसाता है, फिर नशे की लत लगा कर अपराध की ट्रेनिंग देता है. धनबाद स्टेशन एरिया में फिलहाल 72 बाल अपराधी सक्रिय हैं. इन लोगों से भीख मंगवाने से ले कर छोटे-छोटे आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिलाया जाता है. इस गैंग में कुछ महिलाएं भी हैं. इसका खुलासा बाल संरक्षण आयोग की पड़ताल में हुआ.
बिहार से बच्चों को भेजा जा रहा धनबाद
आयोग के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी के अनुसार धनबाद में पिछले छह माह के दौरान बरामद हुए चार बाल अपराधियों से पूछ-ताछ के दौरान यह पता चला कि सभी बच्चे एक ही गैंग के लिए काम करते हैं. सबको बिहार के पटना, गया व नवादा से धनबाद भेजा गया था. इन बाल अपराधियों से मिली जानकारी के आधार पर बाल संरक्षण आयोग की टीम ने धनबाद और पटना के स्टेशनों तथा आस-पास के क्षेत्रों में जा कर अध्ययन किया. इस क्रम में पाया गया कि पटना स्टेशन क्षेत्र में सक्रिय खेसारी गैंग ही धनबाद और आस-पास के स्टेशनों पर बाल अपराधियों को भेजता है. मुखर्जी ने कहा कि यह गैंग बच्चों को किसको बेचता है या इनके जरिये किस तरह से वसूली कराता है, इसकी पड़ताल के लिए रेल पुलिस को कहा गया है.
दोनों पांव से दिव्यांग है खेसारी
जानकार सूत्रों के अनुसार 22 वर्षीय खेसारी के दोनों पांव नहीं हैं. वह वैसे बच्चों को फंसाता है, जो घर से भाग कर स्टेशन आते हैं या फिर जिनके माता-पिता नहीं हैं. इस काम के लिए उसने अपने साथ कई महिलाओं को भी रखा है. महिलाएं आसानी से बच्चों को फंसा लेती हैं. इन महिलाओं में से एक अभी पटना जेल में बंद है. खेसारी के खिलाफ पटना के डीएम व रेल पुलिस से भी शिकायत की गयी है. आरोप है कि खेसारी ने एक नाबालिग लड़की से जबरन शादी की है. वह लड़की अभी धनबाद के एक होप सेंटर में रह रही है.
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केस वन- धनबाद स्टेशन से दिसंबर 2022 में बाल संरक्षण आयोग की टीम ने एक 12 वर्षीय बच्ची को बरामद किया था. वह पटना की रहने वाली है. उसे नशे की लत थी. लंबे इलाज के बाद उसने बताया कि उसे खेसारी गैंग ने नशे की आदत लगायी और भीख मांगने व सामान चुराने की ट्रेनिंग दी थी. उसे पटना से धनबाद भेजा गया था. उसके पिता नहीं हैं, जबकि मां जेल में बंद है. बच्ची को दो दिन पहले पटना डीएम कार्यालय भेज दिया गया है. उसके दादा-दादी उसे अपने साथ रखने को तैयार हो गये हैं. वह भी घर लौटने को तैयार है.
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केस टू- तीन माह पहले धनबाद स्टेशन से एक लड़का बरामद हुआ. अभी वह बोकारो के सरकारी आश्रय गृह में रह रहा है. उसने बताया कि उसे खेसारी गैंग ने पटना से यहां भेजा था. वह मूलत: गया का रहने वाला है. वह भी नशा का आदी है. वह एक बार बाल आश्रय गृह से भागने की कोशिश कर चुका है.
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काउंसलिंग कर ला रहे मुख्य धारा में : अध्यक्ष
बाल संरक्षण आयोग, धनबाद के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने कहा कि स्टेशन क्षेत्र में सक्रिय बाल अपराधियों व भिखारियों की काउंसलिंग करायी जा रही है. कोशिश हो रही है कि ऐसे बच्चों को नशा व अपराध की दुनिया से बाहर निकाला जाए. इसमें जिला प्रशासन का सहयोग लिया जा रहा है. पटना व नवादा के डीएम को भी पत्र लिखा गया है, सरगना पर कार्रवाई करायी जायेगी.