Khet Khalihan News बिहार में करीब बीस दिनों से पड़ रही ठंड, कुहासा व शीतलहर के कारण आलू की खेती करने वाले किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. ठंड व पाला के कारण आलू की फसल में झुलसा रोग पकड़ने का खतरा बढ़ गया है. कई जगह खेत में आलू के पौधे पीले होने लगे हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. किसान अपनी फसल को बचाने के उपाय ढूंढने में जुट गए हैं. स्थानीय किसान मनोज कुमार चौधरी, रणधीर कुमार व भोगेंद्र चौधरी ने बताया कि वे लोग करीब दो से चार कट्ठा खेत में आलू की खेती किये है. शुरुआती दिनों में आलू के पौधे बिल्कुल हारे थे. इसका विकास भी तेजी के साथ हुआ, पर इधर जब से ठंड बढ़ी है. तब से पौधों का विकास रुक गया है. साथ ही पौधे का रंग भी पीला पड़ने लगा है.
इसी तरह नवीन कुमार, सुरेश राय व रामप्रीत साह ने बताया कि वे लोग भी आलू की खेती किये हुए हैं. पौधा अभी छोटा है. लगातार धूप निकला तो फसल को बचाया जा सकता है. इस बाबत कृषि विज्ञान केंद्र बलहा मकसूदन सीतामढ़ी के उद्यान वैज्ञानिक मनोहर पंजिकार ने बताया कि अगर आलू या टमाटर में झुलसा का लक्षण आ गया होगा तो रिडोमिल एम जेड 78 का प्रति लीटर पानी में 2 से ढाई एमएल प्रति लीटर पानी में घोल तैयार कर छिड़काव करें. अगर प्रकोप न के बराबर होगा तो इंडोफील एम जेड 78 का छिड़काव करना बेहतर होगा. खेत में नमी कम रहने से भी आलू पर झुलसा रोग का प्रकोप बढ़ जाता है. ऐसे में खेत की सिंचाई आवश्यक है.