पटना के IGIMS में सात साल के दौरान 83 किडनी ट्रांसप्लांट, किडनी देने वालों में मां सबसे आगे

रिश्तों को निभाने में महिलाओं की कोई सानी नहीं है. इसका सबूत शहर के आइजीआइएमएस में पिछले 14 मार्च 2016 से अब तक हुए किडनी दान के आंकड़े हैं. मां, बहन, बेटी, पत्नी ने अपनी जिंदगी की फिक्र किये बिना शरीर के सबसे अहम अंग किडनी को दान दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 10, 2022 7:34 AM

आनंद तिवारी. पटना. रिश्तों को निभाने में महिलाओं की कोई सानी नहीं है. इसका सबूत शहर के आइजीआइएमएस में पिछले 14 मार्च 2016 से अब तक हुए किडनी दान के आंकड़े हैं. मां, बहन, बेटी, पत्नी ने अपनी जिंदगी की फिक्र किये बिना शरीर के सबसे अहम अंग किडनी को दान दिया है. 2016 से जुलाई 2022 यानी कुल सात साल में आइजीआइएमएस के नेफ्रोलॉजी विभाग में कुल 83 किडनी ट्रांसप्लांट हुए.

किडनी दान करने वालों में 65 महिलाएं

किडनी दान करने वालों में 65 महिलाएं हैं. इनमें भी सबसे ज्यादा संख्या मां की है. 33 मां ने अपने बेटों को अपनी किडनी देकर जान बचायी है. इसके बाद पत्नी का स्थान है. 28 पत्नियों ने अपने पति को किडनी दान दी है. इसके अलावा चार बहनों ने किडनी दान देकर अपने भाई की मदद की है. 83 में सिर्फ 18 पुरुषों ने ही किडनी डोनेट किया है.

दाताओं का ब्योरा

  • मां 33

  • पत्नी 28

  • पिता 15

  • बहन 04

  • भाई 02

  • दादा 01

कैसे दान कर सकते हैं किडनी

आइजीआइएमएस नेफ्रोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रो डॉ अमरकेश कृष्णा ने बताया कि आइजीआइएमएस में किडनी दान करने में महिलाओं की संख्या काफी अधिक है. डॉ अमरकेश ने बताया कि नजदीकी रिश्तेदार को किडनी देने के लिए हॉस्पिटल ट्रांसप्लांट कमेटी से अनुमति लेनी होती है. अन्य रिश्तेदारों के संबंध में संचालक चिकित्सा शिक्षा (एप्रोप्रिएट ऑथोरिटी) से अनुमति लेनी होती है. नये नियमों के तहत अब दादा-दादी व कुछ अन्य रिश्तों को भी नजदीकी रिश्तों में मान लिया गया है.

अधिकतर किडनी डोनर महिलाएं ही हैं

पीड़ित से भावनात्माक संबंध रखने वाले लोग भी उसे अंगदान कर सकते हैं. अंगदान करने वाले व्यक्ति के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कार्यपालक दंडाधिकारी के सामने होती है. स्टेट आर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन (बिहारस्टेट) के चेयरमैन डॉ मनीष मंडल ने बताया कि अधिकतर किडनी डोनर महिलाएं ही हैं. ऐसा नहीं है कि पुरुष डोनर को खतरा अधिक होता है या फिर महिलाओं को कम. बावजूद इसके किडनी डोनेट कर अपनों की जान बचाने के लिए अधिकतर महिलाएं ही आगे आ रही हैं.

ये हैं मुख्य

कारण घर की बड़ी जिम्मेदारियां पुरुषों पर होती हैं, ऐसे में महिलाओं को लगता है कि पुरुषों के रहने परवे ज्यादा सुरक्षित हैं. वे यह भी मानती हैं कि पूरे परिवार में सबकी देखभाल करना उनकी जिम्मेदारी है. सबसे अहम यह कि महिलाएं धार्मिक भावनाओं से प्रभावित होती हैं. वेदों में भी अंग व अनाज दान के बारे में लिखा होता है. जिससे महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती हैं.

-डॉ रणधीर कुमार सिंह, समाजशास्त्री.

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