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भारतमाला प्रोजेक्ट में लापरवाही: बिहार के किशनगंज में जिस पुल का पाया धंसा उसका महत्व जानिए…

बिहार में एक और निर्माणाधीन पुल विवाद में घिर गया. किशनगंज में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे अररिया से गलगलिया हाइवे पर निर्माणाधीन पुल का पाया धंस गया. सीमांचल में भारतमाला प्रोजेक्ट पर एकतरह से इस घटना ने ब्रेक लगाया है. जानिए मामला..

भागलपुर के सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल के सुपर स्ट्रक्चर गिरने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि किशनगंज में एक निर्माणाधीन पुल का पाया अचानक धंस गया. इस घटना ने फिर एकबार कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं इस पुल निर्माण को लेकर अब बिहार की महागठबंधन सरकार ने केंद्र की भाजपा सरकार को घेरकर निशाना साधा है. मेंची नदी पर बने इस पुल के पाये जिस तरह उद्घाटन से पहले ही धंस गए, उससे भारतमाला प्रोजेक्ट पर एक ब्रेक जरुर लगा है.

अररिया से गलगलिया हाइवे पर बन रहा पुल

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे अररिया से गलगलिया हाइवे पर निर्माणाधीन एक पुल के नीचे की मिट्टी बह गयी और पुल का एक पाया धंस गया. इस घटना से एक बड़े प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगा है. दिल्ली को पूर्वोतर भारत से जोड़ने का एक वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा था और इसी के तहत हाइवे पर मेंची नदी पर यह पुल भी बनाया गया था.

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रही सड़क

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 1546 करोड़ रुपये की लागत से बिहार में 94 किमी हाइवे का निर्माण किया जा रहा है. अररिया से गलगलिया सड़क के चौड़ीकरण का काम अभी जोरशोर से चल रहा है. सीमांचल क्षेत्र में 94 किलोमीटर तक बनने वाले इस हाइवे में किशनगंज जिले में 70 किलोमीटर तो अररिया जिले में 24 किलोमीटर तक सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है.

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डीएम ने भारत सरकार को लिखा पत्र

शुक्रवार को करीब डेढ़ फीट तक इस पुल का पाया धंस गया. नेपाल से निकलने वाली मेंची नदी पर बन रहे इस छह पाया के पुल को एनएचएआई के द्वारा तैयार किया गया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया है. निर्माणाधीन पुल का पाया धंसने के मामले में किशनगंज डीएम श्रीकांत शास्त्री ने जांच को लेकर एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर और भारत सरकार को पत्र लिखा है.

नेपाल और बंगाल आना-जाना हो जाएगा आसान

अररिया से गलगलिया के बीच फोर लेन सड़क बनने से बिहार और नेपाल के समानांतर एक और सड़क मिल जाएगी. इमरजेंसी की हालत में एनएच 57 के एक विकल्प के रूप में यह सड़क काम करेगा. वहीं अररिया के अलावा सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर समेत कई अन्य जिलों से नेपाल और बंगाल आना-जाना और अधिक आसान हो जाएगा. बता दें कि अभी ठाकुरगंज होकर बागडोगरा से अररिया की दूरी 129 किलोमीटर है. जबकि पूर्णिया होकर बागडोगरा से अररिया की दूरी 208 किलोमीटर है. इस रूट से दूरी 79 किलोमीटर कम हो जाती है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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