Kishanganj: पश्चिम बंगाल में छापेमारी करने गये किशनगंज थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार को भीड़ में छोड़कर जान बचाकर भागने पर वाले सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार व छह पुलिस कांस्टेबल को आइजी सुरेश प्रसाद चौधरी ने निलंबित कर दिया है. सस्पेंड होने वाले कांस्टेबल में राजू साहनी, अखिलेश्वर तिवारी, प्रमोद कुमार पासवान, उज्जवल कुमार पासवान, सुनील चौधरी व सुशील कुमार शामिल हैं.
आइजी ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्य का निर्वाह विवेकपूर्ण ढंग से किया गया होता, तो संभवत: यह घटना नहीं घटती. इस कार्य में प्रथमदृष्टया इनलोगों की लापरवाही परिलक्षित होती है. इस लापरवाही के लिए सभी को तत्काल प्रभाव से सामान्य जीवन यापन भत्ता पर निलंबित किया जाता है.
निलंबन की अवधि में इनका मुख्यालय पुलिस केंद्र किशनगंज होगा. गौरतलब है कि मृतक के भाई प्रवीण कुमार उर्फ गुड्डू ने सवाल उठाते हुए कहा था कि छापेमारी में सर्किल इंस्पेक्टर सहित अन्य पुलिस बल के जवानों को खरोंच तक नहीं आयी, जबकि मेरे भाई की हत्या हो गयी.
इससे साफ जाहिर है कि मेरे भाई बचाने के बजाय अन्य पदाधिकारी व जवान अपनी जान बचाकर भाग निकले और मेरा भाई तड़प-तड़पकर मर गया. परिजनों ने यह भी आशंका जतायी थी कि कहीं किसी ने छापेमारी टीम के जाने की पहले ही अपराधियों को इसकी सूचना तो नहीं दे दी थी. यह जांच का विषय है.
किशनगंज के सभी पुलिसकर्मी अपना एक दिन का वेतन दिवंगत इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के शोकसंतप्त परिवार को सहयोग राशि के रूप में देंगे. यह राशि लगभग 12 लाख रुपये होगी. एसपी किशनगंज कुमार आशीष ने यह जानकारी दी है. इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले में डीजीपी से घटना की जानकारी ली और पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है कि तत्काल अनुग्रह राशि के साथ-साथ अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति तुरंत करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि किशनगंज थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार की हत्या के मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने छापेमारी कर तीनों आरोपित फिरोज आलम, अबुजार आलम और सहीनुर खातुन को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद घटनास्थल पर पूर्णिया के पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक किशनगंज कैंप किये हुए हैं.
Posted By: Utpal Kant