दिघलबैंक : टप्पू हाट से पदमपुर जाने वाली सड़क जो वहां के लोगों को दिघलबैंक प्रखंड मुख्यालय से जोड़ती है जो इन दिनों जर्जर हो चुकी है़ जबकि उस सड़क पर बने पुल बुरी तरह से ध्वस्त हो चुका है़ जर्जर, टूटे फुटे एवं गड्ढों में तब्दील सड़क इस प्रखंड की पहचान बन गयी है़मुख्य मार्ग से जुड़ने वाली सभी प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री सडकों का हाल बहुत बुरा हो गया है़
चाहे वह हरूवाडांगा से हाडीभीट्ठा होकर सिंघिमारी जाने वाली सड़क हो या हरूवाडांगा से धनतोला या दिघलबैंक से मोहामारी या टप्पू स्कूल चौक से गंधर्वडांगा़ सबसे बुरा हाल टप्पू से भाया पदमपुर होते हुए लोहागाड़ा जाने वाली सड़क का है़ खान मंगूरा के समीप बना हुआ पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है़ वहीं चैन मंगुर गांव के समीप सड़क के बीचो बीच दस फीट का गड्ढा बन गया है़ जिसमें अक्सर राहगीर गिर कर जख्मी हो जाते है़ गड्ढे की सूचना के लिए प्रशासन की ओर से न तो कोई बोर्ड लगाया गया है और ना ही कोई अवरोधक ही बनाया गया है़क्षतिग्रस्त सड़क सड़क व पुल से वाहन का परिचालन बंद है
ख़ास कर पैदल व साइकिल से चलने वाली राहगीरों को भी भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है़ यहां के लोगों को जान जोखिम में डाल कर चलना इन लोगों की नियती बन गयी है़इस सड़क के अवरूद्ध होनेसे लोगों को पांच किमी के बदले 15 किमी की दूरी तय कर जाना पड़ता है़ पूर्व प्रमुख कैलाश प्रसाद भगत ने बताया कि टप्पू से लोहागाड़ा जाने वाली सड़क बहुत महत्वपूर्ण है़ पूर्व में कई बार गड्ढे में मिट्टी भर कर आवागमन बहाल करने की मांग जिला प्रशासन से की गयी थी़ ताकि लोग आसानी से इस सड़क पर चल सके़ उन्होंने बताया कि क्षतिग्रस्त पुल पर ग्रामीणों द्वारा चचरी पुल बना कर काम चलाऊ आवागमन बहाल किया गया है़
मगर सड़क के बीच पर बने गड्ढे को भरना ग्रामीणों की बस की बात नहीं है़ उन्होंने बताया कि उक्त सभी सड़के एवं पुलों की मरम्मत व निर्माण कार्य के लिए यहां के लोग जनप्रतिनिधियों से मांग करते आ रहे है़ बावजूद इसके इस संबंध में कोई सार्थक पहल नहीं किया गया़ जिससे यहां के लोग काफी आक्रोशित है़