महानंदा के बालू से हो रहा तटबंध निर्माण
फर्जीवाड़ा . सात करोड़ 15 लाख की लागत से बन रहा है तटबंध, सुरक्षा मापदंड की हो रही अनदेखीप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीNepal Violence : क्या 17 साल में 10 प्रधानमंत्री से त्रस्त नेपाल में होगी राजशाही की वापसी?Jayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे […]
फर्जीवाड़ा . सात करोड़ 15 लाख की लागत से बन रहा है तटबंध, सुरक्षा मापदंड की हो रही अनदेखी
औरंगाबाद की कंपनी महानंदा नदी के बगल से ही बालू काट कर बांध में बालू भरने का कार्य कर रही है. ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बांध बाढ़ में कितने दिनों तक टिक पायेगा़
किशनगंज : महानंदा नदी के बालू से मौजाबाड़ी ब्रिज का तटबंध बनाया जा रहा है़ तटबंध बनाने वाली औरंगाबाद की कंपनी महानंदा नदी के बगल से ही बालू काट कर बांध में बालू भरने का कार्य कर रहे है़ं ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बांध बाढ़ में कितने दिनों तक टिक पायेगा़ 7 करोड़ 15 लाख की लागत से यह तटबंध महानंदा नदी पर बने मौजाबाड़ी ब्रिज एवं ब्रिज के एप्रोच पथ की सुरक्षा के लिए बनाया जा रहा है़ वर्षों पहले बना तटबंध गत वर्ष बाढ़ के दौरान कट गया था़ तटबंध के कट जाने से पानी का दबाव पुल के एप्रोच पथ पर पड़ने लगा था जिसके कारण पुल का एप्रोच पथ टूटने की प्रबल संभावना बन गयी थी़
बड़ी मुश्किल से इस एप्रोच पथ को बचाया जा सका था़ जिला पदाधिकारी पंकज दीक्षित स्वयं दिन रात मौके पर मौजूद रह कर एप्रोच पथ बचाने का कार्य किया था़ महानंदा नदी पर बने यह पुल किशनगंज का लाइफ लाइन माना जाता है़ अगर यह पुल टूट जाता है तो कोचाधामन, बहादुरगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ प्रखंड से सीधा संपर्क टूट जायेगा़ इतने महत्वपूर्ण पुल के बांध के निर्माण में बरती जा रही लापरवाही हजारों लोगों के जान माल के साथ खिलवाड़ है़
तटबंध निर्माण में हुई देरी
एक तो वैसे ही तटबंध निर्माण कार्य प्रारंभ करने में काफी देरी की गयी है़ विगत वर्ष जुलाई 2016 में भयंकर बाढ़ आयी थी़ जिसमें महानंदा नदी का तटबंध ध्वस्त हो गया था़ एप्रोच पथ को बचाने में आपदा प्रबंधन ने लाखों रूपये खर्च किये जो पानी में बह गये़ लेकिन बांध टूट जाने के बाद जिला प्रशासन ने बांध के निर्माण में कोई तत्परता नहीं दिखाई़ अब जाकर जब बरसात सर पर है ऐसे भी अन्य जिलों की अपेक्षा किशनगंज जिला में अधिक वर्षा होती है़ ऐसी स्थिति में 21 मई को तटबंध निर्माण कार्य शुरू किया गया है़ इस संबंध में जब जल नि:सरण कार्यपालक अभियंता से बात करने के लिए उनके मोबाइल नंबर 7463889229 पर फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया़
क्या कहते हैं डीएम
इस संबंध में डीएम पंकज दीक्षित ने कहा कि तटबंध बनाने में एक प्रोसेस होता है और उसी प्रोसेस से तटबंध बनाया जा रहा है़