जीएसटी लागू होने के एक माह बाद भी नहीं मिल रहा जीएसटी पैटर्न का बिल

ठाकुरगंज : जीएसटी लागू होने के एक माह बीत गये अब भी खरीदारी कर रहे ग्राहकों को जीएसटी के अनुसार बिल नहीं मिल रहा है. इसकी वजह व्यापारियों का जीएसटी की दर, बिल के प्रारूप को लेकर उलझने बरकरार रहने से कई दुकानदार अभी भी पुराने ढर्रे पर यानी जीयो और जीनो दो के सिद्धांत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2017 6:04 AM

ठाकुरगंज : जीएसटी लागू होने के एक माह बीत गये अब भी खरीदारी कर रहे ग्राहकों को जीएसटी के अनुसार बिल नहीं मिल रहा है. इसकी वजह व्यापारियों का जीएसटी की दर, बिल के प्रारूप को लेकर उलझने बरकरार रहने से कई दुकानदार अभी भी पुराने ढर्रे पर यानी जीयो और जीनो दो के सिद्धांत पर काम करना चाहते हैं, जिससे जीएसटी के मामले में केंद्र सरकार की मंशा सरजमीन पर उतरती नहीं दिखती. जीएसटी को लागू हुए एक माह से ज्यादा हो गए हैं

इस दौरान देश में जीएसटी लागू हो गया, लेकिन अभी तक व्यापारी इसको लेकर खुद को तैयार नहीं कर सके हैं. इसमें ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं शहरी क्षेत्र के व्यापारी भी शामिल हैं. अब तक जीएसटी के दायरे से बाहर रहने वाले दुकानदारों ने तो जीएसटी नंबर केलिए आवेदन दे दिया है और सिस्टम को समझने का प्रयास कर रहे हैं, परन्तु अब तक वैट के दायरे में रहनी वाली वस्तुओं का कारोबार करने वाले दुकानदार जो पिछले दिनों तक अधिकारियों के साथ जियो और जीनो दो के सिद्धांत पर काम कर टैक्स की चोरी किया करते थे अभी भी इसी सिस्टम को खोजने में लगे हैं और वैट नंबर स्वत: जीएसटी में माइग्रेट होने के बावजूद अब तक ग्राहकों को जीएसटी का बिल देने के मामले में आनाकानी करते दिख रहे हैं, जिससे ग्राहकों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है और उन्हें जीएसटी का फायदा नहीं मिल रहा है.

इस पूरे मामले में व्यापारी अब तक जीएसटी को समझ नहीं पाए है और उनके बीच जीएसटी में बिल और चालान के प्रारूप के साथ ही कई प्रकार के माल पर जीएसटी की दर को लेकर अभी भी उलझनें बनीं हुई हैं. इस कारण कई दुकानदारों ने तो अभी तक बिल बुक भी नहीं छपवाई है, जिस कारण ग्राहकों को खरीदारी पर अब भी जीएसटी के अनुसार बिल नहीं मिल रहा है. वहीं कई खुदरा दुकानदारों ने बताया कि जहां से वे खरीदारी करते हैं वे दुकानदार ही जब अभी जीएसटी के मामले में अपडेट नहीं हुए हैं, तो हम कहां से हों, जिस कारण से अभी बाजार में खरीद और बिक्री का कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है.

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