सातों प्रखंडों में बाढ़ का कहर
तबाही . प्रखंडों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा जिले में दो दिनों से ही रही लगातार मूसलाधार बारिश को लेकर महानंदा, कनकई, बूढ़ीकनकई, रतुआ, मेची, डोंक नदी के उफान में आने के साथ ही दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, ठाकुरगंज, पोठिया, बहादुरगंज, कोचाधामन और किशनगंज प्रखंड के सभी पंचायतों में बाढ़ आ गयी है. लोगों के घर […]
तबाही . प्रखंडों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा
जिले में दो दिनों से ही रही लगातार मूसलाधार बारिश को लेकर महानंदा, कनकई, बूढ़ीकनकई, रतुआ, मेची, डोंक नदी के उफान में आने के साथ ही दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, ठाकुरगंज, पोठिया, बहादुरगंज, कोचाधामन और किशनगंज प्रखंड के सभी पंचायतों में बाढ़ आ गयी है. लोगों के घर के अंदर आंगन में बाढ़ का पानी घुस गया. लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. दिघलबैंक प्रखंड के हरूआडांगा से सिंघीमारी, सिंघीमारी से तालगाछ, टप्पू से नैनभिट्टा और हरूवाडांगा से दिघलबैंक जाने वाली सड़कों पर पानी बह रहा है और सैकड़ों लोगों के घरों में पानी लबालब है.
किशनगंज : बाढ़ की भयावहता को देखते हुए स्थानीय सांसद मौलाना असरारूल हक कासमी, जदयू विधायक मास्टर मुजाहिद आलम, पूर्व जिप अध्यक्ष फैयाज आलम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ित लोगों से मुलाकात की. इन लोगों ने प्रशासन से राहत व बचाव कार्य की मांग की है.
दिघलबैंक प्रखंड के दिघलबैंक बाजार, धनतोला, मोहमारी, कजला, गंधर्वडांगा, बांसबाड़ी व बारभांग, सिंघीमारी, तालगाछ, लौहागाड़ा, सतकौआ पंचायत के अधिकांश गांव में पानी घुस आया है. जिला प्रशासन ने जिन परिवारों के घर में पानी घुस गया है उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेज रहे है़ हरूवाडांगा-दिघलबैंक मुख्य पथ कट जाने से आवागमन बाधित हो गया है. बहादुरगंज प्रखंड के लगभग सभी गांव बाढ़ की चपेट में है. जिसमें देशियाटोला, भौरादह, कटहलबाड़ी, चंदवार,
महेशबथना, लौचा, झींगाकांटा, धीमटोला, बोचागढ़ी सहित अन्य गांव भयंकर बाढ़ के चपेट में है. बहादुरगंज-लौचा, बहादुरगंज-कटहलबाड़ी, बहादुरगंज-भौरादह पथ कट गया है़ गलगलिया भातगांव पंचायत के भक्सरभीठा, ठिकाटोली, लकड़ी डिपू, निम्बुगुड़ी व आस-पास के इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है पीडि़त इलाकों में झाला यादव टोला, पासवान टोला, लोधा बारी, नाव डूबा, खटखटी, बिरनाबारी, गुलशनभीट्ठा, कुर्लिकोट, पाठा मारी, धोबीभीट्ठा, दलगोव, हजारी, जिरंगच्छ, सहित पौवाखाली, मलीनगांव, बंदर झूला, रसिया, भोलमारा, खारुदह, दूधोटी आदि पंचायतों के सैकड़ों गांव मेंची, महानंदा, व कनकई नदी के चपेट में है. टेढ़ागाछ प्रखंड के रतवा नदी के उफान से पंखबाबाड़ी, बेतबाड़ी, चिल्हानियां, खजुरबाड़ी, कोठीटोल चौनपुर, बभनगामा, बिहार मुशहरी व अन्य जलमग्न हो गया है. कंसाई नदी मटियारी पंचायत के माली टोला कुररा टोली मटियारी पंचायत के सभी गांव में बाढ़ का पानी घुसा. वहीं फुलवरिया रेतुआ नदी का बाढ़ का पानी से कई घरों में घुसा पानी धपरटोला लोधाबाडी आदिवासी टोला खजुरबारी में कुदरत का कहर जारी़ 24 घंटा से अधिक समय से हो रही लगातार बारिश से जिला का 90 फीसदी पंचायत में बाढ़ का पानी घुस चुका है. जिले का दिघलबैंक प्रखंड सबसे अधिक प्रभावित हुआ है़ दिघलबैंक प्रखंड का चारों ओर से संपर्क टूट चुका है. अधिकृत सूत्रों के मुताबिक बाढ़ की विभीषिका अभी और कहर बरपायेगी चुंकि एक बार फिर तिस्ता का पानी छोड़े जाने की संभावना है. जानकारों की माने तो अगर इसी तरह बारिश होती रही और तिस्ता द्वारा पानी छोड़ा गया तो जिला मुख्यालय में भी पानी प्रवेश कर जाने की स्थिति बन जायेगी. जिला का दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, टेढ़ागाछ, कोचाधामन, ठाकुरगंज, बहादुरगंज, पोठिया एवं किशनगंज के लगभग सभी पंचायत बाढ़ से प्रभावित है. सरकारी आंकड़े पर गौर करें तो शुक्रवार आठ बजे सुबह से शनिवार आठ बजे सुबह तक कुल औसतन वर्षा का अनुपात औसतन 380.14 एमएम है. आंकड़े बताते है कि जिला में बाढ़ ने पिछले सभी रेकार्ड तोड़े दिये हैं. जिस इलाके में कभी पानी नहीं प्रवेश किया था वहां भी पानी प्रवेश कर तबाही मचा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह आठ बजे से शनिवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे में किशनगंज प्रखंड में 275.2 मिलीमीटर, कोचाधामन प्रखंड में 280.60 एमएम, बहादुरगंज में 324.40 एमएम, दिघलबैंक में 342.20 एमएम, ठाकुरगंज में 245.04 एमएम, पोठिया में 320.20 एमएम एवं टेढ़ागाछ प्रखंड में 173 एमएम वर्षापात हुई है. जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी ने इस संबंध में कहा कि जिला की सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही है. उन्होंने कहा कि बाढ़ की तबाही का आकलन अभी नहीं किया जा सकता. जिला प्रशासन प्राथमिकता के तौर पर बाढ के बीच फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल कर सुरक्षित ठिकानों पर शरण स्थली तक पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि चिन्हित स्थानों पर राहत शिविर चलाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि 5 एसडीआरएफ टीम एवं चार एनडीआरएफ की टीम पहुंच कर बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने में जुट गयी है.