जिले को ओडीएफ बनाने के लिए प्रशासनिक पदाधिकारी बहा रहे पसीना

किशनगंज : जिले को ओडीएफ बनाने के मिशन पर जिला प्रशासन सक्रिय है. शुक्रवार को हालामाला पंचायत सरकार भवन में शौचालय निर्माण के लिये शिविर लगाकर राजमिस्त्री, मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया गया.साथ ही इन मजदूरों व मिस्त्री को शौचालय निर्माण के लिये प्रशिक्षण भी दिया गया. डीडीसी आईएएस यशपाल मीना ने प्रतिनियुक्त अधिकारियों को निर्देश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2017 5:58 AM

किशनगंज : जिले को ओडीएफ बनाने के मिशन पर जिला प्रशासन सक्रिय है. शुक्रवार को हालामाला पंचायत सरकार भवन में शौचालय निर्माण के लिये शिविर लगाकर राजमिस्त्री, मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया गया.साथ ही इन मजदूरों व मिस्त्री को शौचालय निर्माण के लिये प्रशिक्षण भी दिया गया. डीडीसी आईएएस यशपाल मीना ने प्रतिनियुक्त अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पंचायत के सभी वार्डो में वार्ड सदस्य के सहयोग से शौचालय निर्माण कार्य करवाये. डीडीसी खुद भी पंचायत में शौचालय निर्माण की मॉनीटरिंग कर रहे है.

जिले में तीन लाख शौचालय बनाने का लक्ष्य : ज्ञात हो कि जिले में 3 लाख शौचालय बनाने का लक्ष्य है.13 अक्तूबर को डीएम पंकज दीक्षित के अध्यक्षता में हुई बैठक में शौचालय निर्माण के लिये प्लानिंग किया गया.उसके बाद किशनगंज प्रखंड के हालामाला पंचायत को ओडीएफ के लिये चयन किया गया है.उसके बाद प्रत्येक वार्ड में दो से तीन अधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया है.इसके साथ ही पंचायत स्तर के सभी कर्मी को टीम में शामिल किया गया है.
ये सभी लोगों को शौचालय निर्माण के लिये लोगो को प्रेरित करेंगे. शिविर में बीडीओ ओम प्रकाश, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अवधेश कुमार, अफरोज आलम, अरूण कुमार आदि कई कर्मी मौजूद थे़ डीडीसी यशपाल मीना हालामाला पंचायत में कैंप किये हुए है.इतना ही नहीं डीडीसी के अलावे दर्जनभर जिला स्तरीय पदाधिकारी लगातार डोर टू डोर लोगों को शौचालय बनाने के लिये जागरूक कर रहे है.
दो साल में एक पंचायत ओडीएफ नहीं : पिछले दो वर्षो से जिले में शौचालय निर्माण हो रहा है. लेकिन 126 पंचायत में एक भी पंचायत अबतक ओडीएफ घोषित नही हो सका है.सूबे में किशनगंज शौचालय निर्माण में अंतिम पायदान पर है.
सामुदायिक जागरूकता की कमी : शौचालय निर्माण में सामुदायिक स्तर में जागरूकता की कमी देखने को मिल रही है.गांव में सौ परिवार में 30 फीसदी परिवार शौचालय की महत्ता को समझ रहा है.लोगो मे अलग धारणा बनी है कि सरकार बनाकर देगी.जबकि ऐसा नही है.सरकार शौचालय बनाकर उपयोग करने पर प्रोत्साहन राशि देती है.

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