इस बागान से सैकड़ों लोगों का चलता है घर

किशनगंज : पोठिया प्रखंड के कच्चाखुआ स्थित दफ्तरी टी स्टेट चाय बागान से जबरन चाय की पत्ती और लकड़ियां तोड़कर कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा बेचे जाने की शिकायत पोठिया थाना में कुछ महीने पहले दर्ज हुई थी और यह सिलसिला शिकायतों के बाद भी लगातार जारी था. कच्चाखुआ चाय बागान संबंधित लंबित कई मामलों और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2018 6:07 AM

किशनगंज : पोठिया प्रखंड के कच्चाखुआ स्थित दफ्तरी टी स्टेट चाय बागान से जबरन चाय की पत्ती और लकड़ियां तोड़कर कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा बेचे जाने की शिकायत पोठिया थाना में कुछ महीने पहले दर्ज हुई थी और यह सिलसिला शिकायतों के बाद भी लगातार जारी था.

कच्चाखुआ चाय बागान संबंधित लंबित कई मामलों और लगातार शिकायतों के बाद पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने मामले को संज्ञान में लेते हुए समीक्षा के लिए कच्चाखुआ चाय बागान का दौरा किया. कच्चाखुआ दफ्तरी टी एस्टेट के पूरे बगान में पुलिस पेट्रोलिंग के साथ ही एसपी ने आस पास के लोगों से भी बात की और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. इसके बाद पोठिया थाना प्रभारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिये. चाय बागानों के कई मामले जिले में लंबित पड़े है
और सबके पीछे की वजह भूमि विवाद है इन्हीं विवादों में दफ्तरी चाय बागान भी शामिल है जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों लोग मजदूरी करके अपना भरण पोषण करते है. कई बार जिला प्रशासन की पहल पर दो पक्षों को आपस में बैठाकर विवाद सुलझाने की कोशिश भी की गयी. किन्तु विवाद नहीं सुलझ पाया, इन विवादों और चाय बागानों पर कब्जा करने के कारण जहां चाय बागान मालिक परेशान है वही रोज मजदूरी करके पेट पालने वाले सैकड़ों मजदूर भी आशंकित रहते है कि कल मजदूरी मिलेगी की नहीं.
सरकारी जमीन पर जबरन कब्जा
दो हफ्ते पूर्व जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के दधिगाछ गांव के पास सरकारी जमीन पर आदिवासियों द्वारा अचानक कब्जा किये जाने पर स्थानीय लोग और आदिवासियों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. कब्जा करने के बाद आदिवासियों द्वारा ट्रैक्टर से जमीन को जोतना शुरू कर दिया गया था. मामले को बिगड़ता देख पंचायत के मुखिया मोहनलाल सिंह की पहल पर ठाकुरगंज के इंस्पेक्टर मिराज आलम, कुर्लीकोट थाना अध्यक्ष राहुल कुमार, गलगलिया थाना अध्यक्ष सज्जाद आलम, अंचलाधिकारी मो. इस्माइल दल बल के साथ मौके पर पहुंचकर घंटो मशक्कत के बाद मामला सुलझाया,जानकारों की माने तो बंगाल के कुछ आदिवासी नेता के बरगलाने से यहां के आदिवासी कानून का उल्लंघन करने में जरा भी नहीं हिचकते.
वर्षों से चल रहे भूमि विवाद के जल्द निबटने की आस में मजदूर
चाय बागानों के कई मामले जिले में लंबित पड़े है और सबके पीछे की वजह भूमि विवाद है इन्हीं विवादों में दफ्तरी चाय बागान भी शामिल है जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों लोग मजदूरी करके अपना भरण पोषण करते है. कई बार जिला प्रशासन की पहल पर दो पक्षों को आपस में बैठाकर विवाद सुलझाने की कोशिश भी की गयी. किन्तु विवाद नहीं सुलझ पाया, इन विवादों और चाय बागानों पर कब्जा करने के कारण जहां चाय बागान मालिक परेशान है वही रोज मजदूरी करके पेट पालने वाले सैकड़ों मजदूर भी आशंकित रहते है कि कल मजदूरी मिलेगी की नहीं.
क्या कहते हैं एसपी
कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है. कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में पूर्व में दर्ज मामलों की समीक्षा की गयी एवं आरोपितों के खिलाफ कुर्की जब्ती किये जाने का निर्देश संबंधित थानाध्यक्ष को दिया गया है.
कुमार आशीष, एसपी कुमार

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