किशनगंज : यदि आप नियोजित शिक्षक हैं और आप मेडिकल लिव या मातृत्व अवकाश का उपभोग कर रहे हैं, तो छुट्टी से वापस लौटने पर अवकाश अवधि के वेतन का भुगतान हेतु आपको लंबा इंतजार ही नहीं बल्कि जिला व प्रखंड कार्यालय का भी कई चक्कर लगाना होगा. उसपर भी यदि आपने प्रसाद नहीं चढ़ाया तो बकाया का भुगतान कब होगा, का कोई गारंटी नहीं, कहने को तो नियोजित शिक्षकों के वेतन का ससमय भुगतान हेतु जिला मुख्यालय के ही एक नगर शिक्षक की प्रतिनियुक्ति लगभग स्थायी तौर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) किशनगंज के कार्यालय में है.
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बकाया भुगतान को ले नियोजित शिक्षक पहुंचे लोक शिकायत केंद्र
किशनगंज : यदि आप नियोजित शिक्षक हैं और आप मेडिकल लिव या मातृत्व अवकाश का उपभोग कर रहे हैं, तो छुट्टी से वापस लौटने पर अवकाश अवधि के वेतन का भुगतान हेतु आपको लंबा इंतजार ही नहीं बल्कि जिला व प्रखंड कार्यालय का भी कई चक्कर लगाना होगा. उसपर भी यदि आपने प्रसाद नहीं चढ़ाया […]
ऐसी ही स्थिति का खुलासा जिला लोक शिकायत निवारण केंद्र किशनगंज में हुआ. ठाकुरगंज प्रखंड के चार नियोजित शिक्षक व शिक्षिका उक्त केंद्र पर वर्ष 2014 – 2015 से अपने लंबित बकाये का भुगतान करवाने की गुहार लेकर सुनवाई में भाग लेने उपस्थित हुए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें में से दो का मेडिकल लिव अवधि का वेतन और अन्य दो का अन्य किसी कारण से कम वेतन भुगतान का मामला है. इन सभी के लंबित वेतन का भुगतान करने हेतु प्रखंड शिक्षा अधिकारी, ठाकुरगंज द्वारा अरसे पूर्व ही आवश्यक विपत्र तैयार कर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) किशनगंज को उपलब्ध कराया जा चुका है. किंतु जिला कार्यालय बकाया भुगतान करने के बजाय रोजाना इन्हें नयी तिथि देता रहा है. उक्त स्थिति से तंग आकर इन सभी ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी किशनगंज के कार्यालय में परिवाद दायर कर न्याय की गुहार लगायी है.
परिवादियों में सीता कुमारी, रंजना कुमारी, मेहरून निशा व वरुण कुमार शामिल हैं. बकाये भुगतान पर बरती जा रही इस लापरवाही ने डीपीओ स्थापना किशनगंज में नियोजित शिक्षकों के वेतनादि भुगतान हेतु प्रतिनियुक्त जिला मुख्यालय के नगर शिक्षक के प्रतिनियुक्ति पर स्वतः ही कई सवाल खड़े कर दिये हैं. वही दूसरी ओर यह भी जानकारी मिली है कि ठाकुरगंज प्रखंड के ही सुवाबाई मध्य विद्यालय के लगभग 8 शिक्षक/शिक्षिकाओं ने भी अपने लंबित बकाये के भुगतान हेतु सामूहिक रूप से जिला लोक शिकायत निवारण केंद्र किशनगंज के कार्यालय में परिवाद दायर किया है, जिसकी सुनवाई होनी शेष है. इतना ही नहीं, ऐसे दर्जनों मामले ठाकुरगंज प्रखंड में हैं व पीड़ित अब भी प्रखंड व जिला शिक्षा कार्यालय का बाट जोह रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं इस प्रकार का मामला चढ़ावा न मिलने के कारण ही तो नहीं बढ़ रहा है.
अब देखने की बात यह है कि इन सभी नियोजित शिक्षक/शिक्षिकाओं को उनके लंबित बकाये का भुगतान जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के दखल से कितने दिनों के अंदर किया जा सकेगा. साथ ही यह भी गौरतलब होगा कि इस प्रकार की लापरवाही के लिए किस कर्मी को चिह्नित किया जायेगा और उसके विरुद्ध किस प्रकार की कार्रवाई किस अधिकारी द्वारा कितने समय-सीमा के अंदर कर दिया जायेगा.
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