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शराब की तस्करी करने वाला निकला उत्पाद विभाग का चालक, गिरफ्तार, स्प्रिट जब्त

किशनगंज : किशनगंज पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बुधवार को उत्पाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय कैंपस में छापेमारी कर उत्पाद विभाग के चालक के कमरे से 33 लीटर स्प्रिट बरामद किया एवं चालक को गिरफ्तार कर लिया. एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उत्पाद अधीक्षक कार्यालय परिसर में चालक की रूम की […]

किशनगंज : किशनगंज पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बुधवार को उत्पाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय कैंपस में छापेमारी कर उत्पाद विभाग के चालक के कमरे से 33 लीटर स्प्रिट बरामद किया एवं चालक को गिरफ्तार कर लिया. एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उत्पाद अधीक्षक कार्यालय परिसर में चालक की रूम की तलाशी ली. जिसमें तीन जार में 33 लीटर स्प्रिट रखा मिला. जिसके बाद आरोपित चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार चालक दिलीप कुमार सीतामढ़ी का रहने वाला बताया जा रहा है, जो कुछ महीने पहले ही पर्यटन विभाग से उत्पाद विभाग में बतौर चालक नियुक्त किया गया था. उत्पाद कार्यालय परिसर में बने आवास में वह रह रहा था.
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने उसके आवास पर छापेमारी की.जब से बिहार में शराबबंदी हुई है तब से किशनगंज शराब तस्करी का कॉरिडोर बन गया है. उत्पाद विभाग के चालक की गिरफ्तारी के बाद किशनगंज में उत्पाद विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है. गिरफ्तार चालक के पास से भारी मात्रा में स्प्रिट मिलना आश्चर्यजनक है.
शराबबंदी के बाद किशनगंज में यह पहला मामला है जिसमें उत्पाद विभाग का कर्मी संलिप्त है. वहीं उत्पाद अधीक्षक सत्तार अंसारी से पूछे जाने पर बताया कि मुझे इस मामले में कुछ भी जानकारी नहीं है. छापेमारी दल में एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार, सदर थानाध्यक्ष राजेश कुमार तिवारी, एसआई संजय कुमार तिवारी आदि पुलिस बल शामिल थे.
जांच में खुल सकते हैं कई राज
किशनगंज पुलिस कि कार्रवाई से जिले में अनोखा मामला सामने आया. जिस विभाग को शराबबंदी को लागू करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से सौंपी गयी, उसी विभाग के चालक के पास से स्प्रिट बरामद होना उच्च स्तरीय जांच का विषय है.
पुलिस की जांच में कई राज से पर्दा उठ सकता हैं. यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि शराब की तस्करी में विभाग के अन्य कर्मी व पदाधिकारी भी संलिप्त हो सकते है. फिलहाल आरोपित चालक दिलीप पुलिस के हिरासत में है. वहीं उत्पाद अधीक्षक के लिखित आवेदन पर चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी और चालक जेल को जेल भेज दिया गया है.
कहते हैं उत्पाद अधीक्षक
चालक दिलीप कुमार के पास स्प्रिट कहां से आया इसकी जानकारी नहीं थी. पुलिस ने छापेमारी कर चालक को गिरफ्तार किया है. साथ ही 33 लीटर स्प्रिट बरामद किया. चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराया गया है.
सत्तार अंसारी, उत्पाद अधीक्षक किशनगंज
जिन पर है शराब तस्करी रोकने की जिम्मेवारी, उसी विभाग से जुड़े हो सकते हैं तस्करों के तार, जांच से हो सकते हैं चौंकाने वाले खुलासे
किशनगंज के रास्ते अवैध शराब का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार में शराबबंदी के बाद तस्करों ने शराब की तस्करी के लिए नित्य नये-नये तरीके अपना रहे हैं.
इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर अपने मूल वजह से तो जाना जाता ही है. लेकिन हाल के दिनों में यह शराब तस्करी के कॉरिडोर के रूप में चर्चित हो कर रह गया. राज्य में शराबबंदी के बाद शराब की अवैध तस्करी का धंधा इसी रास्ते फल-फूल रहा है.
सीमावर्ती राज्य बंगाल से विदेशी शराब की लगातार बरामदगी से यह स्पष्ट हो रहा है कि तस्कर इस रास्ते का इस्तेमाल अररिया, पूर्णिया सहित अन्य जिलों में शराब की आपूर्ति कर लाखों में मुनाफा कमा रहे हैं. इस्ट वेस्ट कॉरिडोर बंगाल से जुड़ा होने के कारण यहां से दो रूट निकलता है.
जिसमें जीरो माइल से अररिया होते हुए सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना आदि जिलों में शराब की खेप पहुंचायी जा रही है. वहीं जीरोमाइल के दूसरे रास्ते मधेपुरा, खगड़िया, बेगूसराय, मोकामा, बाढ़ आदि जिलों में शराब की आपूर्ति की जा रही है. इसके अलावे शराबबंदी के बाद से गांजा,अफीम, स्मैक की भी तस्करी में भारी वृद्धि हुई है. नार्थ इस्ट के राज्यों से गांजा की खेप पूर्णिया के रास्ते यूपी, दिल्ली एवं पंजाब तक पहुंच रही है.
इस्ट वेस्ट कॉरिडोर से कई रास्ते निकलने का फायदा तस्करों को मिल रहा है. पुलिस कार्रवाई में पकड़े जाने का जोखिम को नजर अंदाज कर तस्करों का अवैध शराब का धंधा बदस्तूर जारी है. गत 6 महीनों में विभिन्न दैनिक अखबार में छपी खबरों पर ही गौर करे तो हाल के दिनों में विदेशी शराब की बड़ी खेप की बरामदगी कर किशनगंज, अररिया व सदर पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता मिली है.
पुलिसिया पूछताछ में बरामद किये गये शराब व गिरफ्तार तस्कर पूर्णिया के रास्ते पटना, मुजफ्फरपुर, मधुबनी आदि जिलों में शराब की डिलिवरी करने जा रहे थे. जबकि बंगाल सीमा से सटे दर्जनों चेक पोस्ट व अन्य जांच एजेंसियां कार्यरत है. ग्रामीणों की बात मानें तो शराब तस्कर नये-नये तरीके अपनाकर अपना धंधा में दिन दोगुना रात चौगुना की तरह तरक्की कर रहा है.
कहते हैं एसपी
यह मामला गंभीर है. उत्पाद विभाग के अन्य कर्मियों की संलिप्तता की जांच की जा रही है. शराब का भंडारण वहां हो रहा था तो अन्य कर्मी इससे अनभिज्ञ कैसे थे? इस बिंदु पर भी जांच की जायेगी. उत्पाद अधीक्षक के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
कुमार आशीष, एसपी किशनगंज
उत्पाद पुलिस एक्टिव तस्करी जारी
जिले में फरिंग्गोला चेकपोस्ट, खगड़ा चेकपोस्ट पर उत्पाद पुलिस लगातार जांच कर रही है. लेकिन चोरी छिपे इसे रास्ते शहर से लेकर बिहार के अन्य राज्यों में शराब की तस्करी हो रही है. रोजाना शहर से सटे बंगाल स्थित होटल से शराब पीकर चेकपोस्ट होकर शहर में प्रवेश करते है. सूत्र की माने तो नित नियम तरकीब से शराब की तस्करी हो रही है. गत 6 महीने में उत्पाद पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आयी है.
चेकपोस्ट के बाद भी शराब तस्करी चालू
शराब तस्कर तू डाल-डाल मैं पात-पात की नीति के तहत अपने धंधे को सुरक्षित करने में लगे हैं. इस मामले में तस्करों का लुका-छिपी का खेल जारी है, शराब तस्करी के लिए तस्कर पिकअप गाड़ी, मिनी ट्रक एवं कंटेनर का भी प्रयोग करते हैं.
हाल के दिनों में पुलिस ने बस, बालू व सब्जी लदे ट्रक, एंबुलेंस आदि से भारी मात्रा में शराब बरामद किया. वहीं दूसरी ओर इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का इस्तेमाल गांजा तस्कर भी कर रहे हैं.
पुलिस की कार्रवाई शहर में चर्चा
बुधवार को पुलिस ने उत्पाद अधीक्षक कार्यालय परिसर में छापेमारी कर उत्पाद पुलिस के एक वाहन चालक को गिरफ्तार से शहर से चर्चा का बाजार गर्म है. बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब की खेप किशनगंज सहित सीमांचल क्षेत्र में जोरों पर है.
शराब की तस्करी को रोकने के लिए उत्पाद पुलिस बड़ी-बड़ी दावा करते है. लेकिन उसी विभाग के चालक के पास से स्प्रिट बरामद होने सवालों की घेरे में खड़ा करता दिखाई दे रहा है.

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