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Kishanganj में 29 हजार जीविका दीदी ने श्रीविधि से कर रही धान की खेती, कम लागत में होती है अच्छी पैदावार

किशनगंज जिले में 29 हजार जीविका दीदी ने श्रीविधि से धान की खेती कर रही हैं. खेती- बाड़ी में अब महिलाएं भी बढ़ चढ़ कर भाग ले रही हैं. वहीं, इससे कम लागत में अच्छी पैदावार भी हो रही है. Kishanganj में 16 हजार से अधिक जीविका दीदियों ने किचन गार्डन भी लगाया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2022 6:01 AM

किशनगंज. जिले में खेती बाड़ी से अब आर्थिक स्तर पर मजबूती मिल रही है.किशनगंज जिला में उन्नत और आधुनिक तकनीक से बेहतर खेती के लिए जीविका के माध्यम से कई सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं.इस वर्ष खरीफ के मौसम में जीविका दीदियों ने बड़े पैमाने पर श्रीविधि से धान की खेती की है.जिला में कुल 29 हजार से अधिक जीविका दीदियों ने श्रीविधि से धान की खेती की है.इस विधि से धान की खेती करने से कम लागत में अधिक पैदावार होता है.परंपरागत तरीके से की गई खेती के अपेक्षाकृत श्रीविधि से लगभग दोगुना मुनाफा होता है.

श्रीविधि से धान की खेती का प्रशिक्षण दिया गया है

श्रीविधि से धान की खेती करने में कुछ सावधानियां रखनी होती है.धान का बिचड़ा गिराने से पहले उसका फफूँदी नाशक या नमक- पानी के घोल में उपचार किया जाता है. तत्पश्चात 8 से 14 दिन के बिचड़े को कतारबद्ध तरीके से 10 इंच की दूरी पर रोपाई की जाती है. एक जगह पर सिर्फ एक ही पौधा रोपा जाता है.हर कतार के बीच में भी निश्चित दूरी होती है. इस विधि से खेती करने पर पैदावार अधिक होता है. वहीं, जीविका के प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि जीविका के माध्यम से जीविका दीदियों को श्रीविधि से धान की खेती का प्रशिक्षण दिया गया है. हर ग्राम संगठन में जीविका के ग्राम संसाधन सेवी (वीआरपी) को प्रशिक्षण दिया गया है. जो जीविका समूह की दीदियों को प्रशिक्षित करते हैं.

‘सातों प्रखंड में श्रीविधि से धान की खेती की गई’

जीविका के प्रभारी ने बताया कि जिला के सभी सातों प्रखंड में श्रीविधि से धान की खेती की गई है. वहीं जिला में 27 कृषि उद्यमियों का भी चयन किया गया है. जो अपने पंचायत में में जीविका दीदियों को उन्नत विधि से खेती के लिए प्रेरित एवं प्रशिक्षित करते हैं. वे खुद भी आधुनिक विधि से खेती कर, जीविका दीदियों को फसल प्रदर्शनी के माध्यम से वैज्ञानिक विधि से खेती करने के लिए प्रेरित करते हैं.महिला किसानों को अत्यधिक परिश्रम से छुटकारा दिलाने के लिए, जिला में 9 कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) भी चलाया जा रहा है.

जीविका दीदियों को कम दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध

जीविका के माध्यम से संचालित इन सीएचसी में बाजार से कम दर पर, भाड़े पर ट्रैक्टर, थ्रेसर, कल्टीवेटर, रोटावेटर इत्यादि कृषि यंत्र उपलब्ध है. यहां से जीविका दीदियों को कम दर पर ये कृषि यंत्र उपलब्ध हो जाते है. साथ ही जिला में 22 विलेज टूल बैंक (वीटीबी) काम कर रहा है. जहां से जीविका दीदियाँ कम दर पर, भाड़े पर पंप सेट, स्प्रेयर, कुदाल, खुड़पी इत्यादि लेकर खेती – बाड़ी में इसका इस्तेमाल कर रही हैं. इन सब प्रयासों से जहाँ जीविका दीदियों को आधुनिक विधि से खेती करने में सुविधा हो रही है.

‘कम लागत में अच्छी पैदावार भी हो रही है’

वहीं, कम लागत में अच्छी पैदावार भी हो रही है. वहीं किशनगंज जिला में 16 हजार से अधिक जीविका दीदियों ने किचन गार्डन भी लगाया है. जिसमें 7 तरह की मौसमी सब्जी, एवं खेतों के चारों हिस्सों में फलदार वृक्ष भी लगाया गया है. किचेन गार्डेन से दीदियों के स्वास्थ्य एवं पोषण का बेहतर बनाने में मदद मिलती है. जीविका के माध्यम से किशनगंज जिला में वैज्ञानिक विधि से खेती के साथ – साथ जीविका दीदियों के स्वास्थ्य एवं पोषण का भी ध्यान रखा जा रहा है. इन सब प्रयासों से जहां एक तरफ जीविका दीदियों की आमदनी बढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिल रही है.

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