भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक सिस्मिक जोन-5 में है किशनगंज

किशनगंज : नेपाल सीमा से सटे बिहार के आठ जिलों पर भूकंप का सर्वाधिक खतरा है. जिसमें किशनगंज जिला भी शामिल है. भूगर्भशास्त्र के जानकारों की माने तो नेपाल की तराई से सटे किशनगंज जिले में भूकंप आने और उसके बाद होने वाले नुकसान की संभावना सबसे प्रबल है. क्योंकि ये भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2019 7:34 AM

किशनगंज : नेपाल सीमा से सटे बिहार के आठ जिलों पर भूकंप का सर्वाधिक खतरा है. जिसमें किशनगंज जिला भी शामिल है. भूगर्भशास्त्र के जानकारों की माने तो नेपाल की तराई से सटे किशनगंज जिले में भूकंप आने और उसके बाद होने वाले नुकसान की संभावना सबसे प्रबल है. क्योंकि ये भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक सिस्मिक जोन 05 में अंकित है. जहां रिक्टर स्केल 08 या उससे भी अधिक तीव्रता के भूकंप आ सकते हैं.

मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किये गये. जबकि साल 2015 में कुछ समय के अंतराल पर करीब आधा दर्जन बार जिले की धरती हिली और पड़ोसी देश नेपाल की राजधानी भूकंप के झटकों से पूरी तरह तबाह हो गया था. फिर साल 2016 में भी धरती के झटकों ने लोगों को दहला दिया था.
फिर साल 2018 में एक बार यहां की धरती कांप चुकी है. नेपाल से सटे बिहार के सभी जिले डेंजर समूह में किशनगंज, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी सहित उत्तर बिहार के सभी जिले भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक जोन में शामिल हैं. सिस्मिक जोनिंग मैपिंग में भूकंप के संभावना को 4 स्तरों में विभाजित किया है. जोन4 और 5 ऐसा क्षेत्र है जहां भूकंप आने की आशंका सबसे ज्यादा है. किशनगंज जिला इसी जोन के तहत आता है.
भूकंप रोधी भवन निर्माण पर देना होगा जोर विशेषज्ञ बताते है कि रेट्रोफिटिंग के द्वारा यहां पुराने मकानों आपदा रोधी, भूकंप रोधी बनाया जा सकता है. नए मकानों का निर्माण भूकंप रोधी तरीके से होना चाहिए. जर्जर भवनों का सर्वे होना नितांत आवश्यक है.
अफवाहों से रहें दूर, करें ये काम
मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत में अगर आप मौजूद हैं तो वहां से बाहर निकलकर खुले में आ जाएं
खुले मैदान की ओर भागे. भूकंप के दौरान खुले मैदान से ज्यादा सेफ जगह कोई नहीं होती.
किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों
अगर आप ऐसी बिल्डिंग में हैं, जहां लिफ्ट हो तो लिफ्ट का इस्तेमाल कतई न करें. ऐसी स्थिति में सीढ़ियों का इस्तेमाल ही सुरक्षित होता है
घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें
घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें
अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं
भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं. ऐसे में स्थिति और बुरी हो सकती है

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