आरोग्य मंदिरों में 14 तरह के डायगोनेस्टिक सेवाओं के साथ 151 प्रकार की दवाओं की है उपलब्धता
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नाम पर केंद्र सरकार द्वारा बदलाव किया गया है.
स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती का आधार है आयुष्मान आरोग्य मंदिर
प्रतिनिधि, किशनगंजसुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच पहले से बेहतर हुई है. इसमें जिले में संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नाम पर केंद्र सरकार द्वारा बदलाव किया गया है. इसे अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम से जाना जाता है. गौरतलब है कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सफल संचालन से प्रारंभिक अवस्था में गंभीर रोगों का पता लगाने, इसका उपचार सुनिश्चित कराने, मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती सहित विभिन्न एनसीडी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण संबंधी उपायों को मजबूती मिली है. जहां पदस्थापित कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर द्वारा सप्ताह में 3 दिन ओपीडी संचालि कर मरीजों का इलाज किया जा रहा है वही प्रत्येक माह में 12 से 14 तारीख को एक दिन स्वास्थ्य मेला आयोजित कर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या किया जा रहा है .सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि जिले के सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में दवा की उपयोगिता पूर्व से बढ़ोतरी हुई है विभाग द्वारा आरोग्य मंदिर में 151 तरह की दवा उपलब्ध करवाने का निर्देश है. जिसमें वर्तमान में जिले के संचालित सभी 148 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में 14 तरह के डायगोनेस्टिक सेवाओं के साथ 151 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता है. .उन्होंने कहा विभाग का डिभीडीएमएस पोर्टल के माध्यम से एचडब्लूसी के लिए दवा उपलब्ध करने का अधियाचना की जाती है तो जिला से सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को दवा की उपलब्धता शतप्रतिशत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.साथ ही इसे अधिक उपयोगी बनाने के उद्देश्य से जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जरूरी कवायद जारी है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में संचालित सभी आरोग्य मंदिर पर उपलब्ध सुविधाएं, स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति, भवन, स्वच्छ, पेयजल, शौचालय, रोगियों के बैठने संबंधी इंतजाम का आकलन करते हुए इसके सुदृढीकरण का प्रयास किया जा रहा है.एचडब्लूसी द्वारा मुहैया किया जाता है गैर संचारी रोग का फॉलोअप की दवा
नोडल पदाधिकारी सह गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि जिला पदाधिकारी तुसार सिंगला के दिशा निर्देश पर जिले के फंक्शनल सभी 148 एचडब्लूसी द्वारा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.एचडब्लूसी के प्राथमिक रूप से सभी बीमारी की ईलाज जहां होती है वही रेफर किए गए मरीज को के लिए फॉलोअप की दवा उपलब्ध रहता है फॉलोअप में विशेष कर नॉनकम्युनिकल (गैर संचारी रोग) जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर ,हृदय रोग, कैंसर, दमा एवं सांस आदि बीमारियां गैर संचारी रोगों की श्रेणी के प्रमुख घातक बीमारियां है.इन बीमारियों के फॉलोअप की दवा सभी एचडब्लूसी में उपलब्ध है. इससे ग्रामीण क्षेत्र के सामान्य तौर पर आम मरीजों को बड़े अस्पताल या किसी अन्य दवा स्टोर पर जाने की जरूरत नहीं होती है मरीजों को स्थानीय स्तर पर हेल्थ बोलने सेंटर पर ही सभी दवाई उपलब्ध हो जाती है. लिहाजा जिले के सभी आरोग्य मंदिरों के अद्यतन स्थिति का आकलन किया गया है. चिकित्सा अधिकारी व स्टाफ नर्स की उपलब्धता, संचालित सेंटर के भवनों की अद्यतन स्थिति, स्वच्छ पेयजल, शौचालय सहित संस्थागत व आधारभूत संरचना के स्तर पर चिह्नित कमियों को विभागीय स्तर से दूर करने को लेकर जरूरी पहल जिले में शुरू हो चुकी है .
अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं पहुचना आसान हुई है
स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी व सफल क्रियान्वयन में आरोग्य मंदिर की भूमिका का नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. एचडब्लूसी में बेहतर सेवा के लिए पदाधिकारी तुषार सिंगला के दिशा-निर्देश सभी एचडब्लूसी मे जन आरोग्य समिति के गठन किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय पंचायतों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को जोड़कर सुविधाओं के अंतर्गत आने वाली समस्याओं पर चर्चा कर उसका निष्पादन पंचायत स्तर पर ही किया जाना है. विभाग से मिले निर्देशों के अनुसार एचडब्ल्यूसी पर स्वास्थ्य सेवाओं व सुविधाओं के प्रावधान के संबंध में इसके संचालन, प्रबन्धन, उपभोग और जवाबदेही सुनिश्चित करने में जन प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी के लिए आयुष्मान भारत-जन आरोग्य समिति के रूप में एक मंच उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे आम लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान हुई है. वहीं बड़े संस्थानों पर मरीजों का दबाव भी कम हुआ है. इससे बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सेवाओं में गुणात्मक सुधार संभव हो सका है. आरोग्य मंदिर की मदद से सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाके में बसे अंतिम व्यक्ति तक लोगों को 14 तरह के डायगोनेस्टिक संवाओं का लाभ उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की जा रही है.- समय के साथ पैसों की होती है बचतजिले में आरोग्य मंदिर के सफल क्रियान्वयन से अंतिम व्यक्ति को मिल रही स्वास्थ्य सुविधा आरोग्य मंदिरों पर 14 तरह के डायगोनेस्टिक सेवाओं के साथ 151 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता है. स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती का आधार है आयुष्मान आरोग्य मंदिर किशनगंज 28 जुलाई . सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच पहले से बेहतर हुआ है. इसमें जिले में संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नाम पर केंद्र सरकार द्वारा बदलाव किया गया है. इसे अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम से जाना जाता है. गौरतलब है कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सफल संचालन से प्रारंभिक अवस्था में गंभीर रोगों का पता लगाने, इसका उपचार सुनिश्चित कराने, मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती सहित विभिन्न एनसीडी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण संबंधी उपायों को मजबूती मिली है. जहां पदस्थापित कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर द्वारा सप्ताह में 3 दिन ओपीडी संचालि कर मरीजों का इलाज किया जा रहा है वही प्रत्येक माह में 12 से 14 तारीख को एक दिन स्वास्थ्य मेला आयोजित कर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या किया जा रहा है .सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि जिले के सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में दवा की उपयोगिता पूर्व से बढ़ोतरी हुई है विभाग द्वारा आरोग्य मंदिर में 151 तरह की दवा उपलब्ध करवाने का निर्देश है. जिसमें वर्तमान में जिले के संचालित सभी 148 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में 14 तरह के डायगोनेस्टिक सेवाओं के साथ 151 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता है. .उन्होंने कहा विभाग का डिभीडीएमएस पोर्टल के माध्यम से एचडब्लूसी के लिए दवा उपलब्ध करने का अधियाचना की जाती है तो जिला से सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को दवा की उपलब्धता शतप्रतिशत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही इसे अधिक उपयोगी बनाने के उद्देश्य से जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जरूरी कवायद जारी है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में संचालित सभी आरोग्य मंदिर पर उपलब्ध सुविधाएं, स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति, भवन, स्वच्छ, पेयजल, शौचालय, रोगियों के बैठने संबंधी इंतजाम का आकलन करते हुए इसके सुदृढीकरण का प्रयास किया जा रहा है.एचडब्लूसी द्वारा मुहैया किया जाता है गैर संचारी रोग का फॉलोअप की दवा
नोडल पदाधिकारी सह गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि जिला पदाधिकारी तुसार सिंगला के दिशा निर्देश पर जिले के फंक्शनल सभी 148 एचडब्लूसी द्वारा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.एचडब्लूसी के प्राथमिक रूप से सभी बीमारी की ईलाज जहां होती है वही रेफर किए गए मरीज को के लिए फॉलोअप की दवा उपलब्ध रहता है फॉलोअप में विशेष कर नॉनकम्युनिकल (गैर संचारी रोग) जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर ,हृदय रोग, कैंसर, दमा एवं सांस आदि बीमारियां गैर संचारी रोगों की श्रेणी के प्रमुख घातक बीमारियां है. इन बीमारियों के फॉलोअप की दवा सभी एचडब्लूसी में उपलब्ध है. इससे ग्रामीण क्षेत्र के सामान्य तौर पर आम मरीजों को बड़े अस्पताल या किसी अन्य दवा स्टोर पर जाने की जरूरत नहीं होती है मरीजों को स्थानीय स्तर पर हेल्थ बोलने सेंटर पर ही सभी दवाई उपलब्ध हो जाती है. लिहाजा जिले के सभी आरोग्य मंदिरों के अद्यतन स्थिति का आकलन किया गया है. चिकित्सा अधिकारी व स्टाफ नर्स की उपलब्धता, संचालित सेंटर के भवनों की अद्यतन स्थिति, स्वच्छ पेयजल, शौचालय सहित संस्थागत व आधारभूत संरचना के स्तर पर चिह्नित कमियों को विभागीय स्तर से दूर करने को लेकर जरूरी पहल जिले में शुरू हो चुकी है .अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं पहुचना आसान हुई है
स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी व सफल क्रियान्वयन में आरोग्य मंदिर की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. एचडब्लूसी में बेहतर सेवा के लिए पदाधिकारी तुषार सिंगला के दिशा-निर्देश सभी एचडब्लूसी मे जन आरोग्य समिति के गठन किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय पंचायतों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को जोड़कर सुविधाओं के अंतर्गत आने वाली समस्याओं पर चर्चा कर उसका निष्पादन पंचायत स्तर पर ही किया जाना है. विभाग से मिले निर्देशों के अनुसार एचडब्ल्यूसी पर स्वास्थ्य सेवाओं व सुविधाओं के प्रावधान के संबंध में इसके संचालन, प्रबन्धन, उपभोग और जवाबदेही सुनिश्चित करने में जन प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी के लिए आयुष्मान भारत-जन आरोग्य समिति के रूप में एक मंच उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे आम लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान हुई है. वहीं बड़े संस्थानों पर मरीजों का दबाव भी कम हुआ है. इससे बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सेवाओं में गुणात्मक सुधार संभव हो सका है. आरोग्य मंदिर की मदद से सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाके में बसे अंतिम व्यक्ति तक लोगों को 14 तरह के डायगोनेस्टिक संवाओं का लाभ उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की जा रही है.समय के साथ पैसों की होती है बचत
जिले के बहादुरगंज प्रखंड के झिलझिली स्थित आरोग्य मंदिर के बारे में स्थानीय व्यक्ति सुरेंद सिंह ने बताया कि पहले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नहीं होने से हमे काफी दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता था जिससे दिनभर की मजदूरी के साथ स्वास्थ्य लाभ के लिए अतिरिक्त आने जाने का भारा भी लगता था किंतु नजदीक में स्वास्थ्य केंद्र होने से काफी लाभ मिला है .डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है