जागरूकता की कमी से नहीं मिल रही सफलता
किशनगंज: स्थानीय सदर अस्पताल स्थित सभाकक्ष में सोमवार को आयोजित मीडिया वर्कशॉप के दौरान मिशन इंद्रधनुष की महत्ता पर प्रकाश डाला गया. आगामी सात अप्रैल से आयोजित मिशन इंद्रधनुष के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए सीएस अफाक अहमद लारी ने बताया कि बच्चों में प्रतिरक्षण क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से तथा गर्भवती माताओं के […]
पूरे भारत वर्ष में जहां 65 प्रतिशत बच्चों व गर्भवती माताओं को प्रतिरक्षण टीका दिया जाता है. वहीं किशनगंज जिले में मात्र 32 प्रतिशत बच्चे व माताएं इनका लाभ उठा पाती हैं. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रलय और परिवार कल्याण विभाग के साथ- साथ राज्य सरकार के सहयोग से पूरे भारत वर्ष में इस कार्यक्रम हेतु 201 जिलों का चयन किया गया है.
जबकि बिहार से चयनित कुल 14 जिलों में से किशनगंज की स्थिति सबसे दयनीय है. इस मौके पर उन्होंने स्वीकार किया कि पूर्व के दिनों में आयोजित टीकाकरण के दौरान स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी लापरवाही बरती गयी थी. इस मौके पर उन्होंने टीकाकरण के 90 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के लिए जहां मीडिया से सहयोग की अपील की वहीं स्थानीय लोगों को भी जागरूक होने को कहा. वहीं दिल्ली से आये तकनीकी अधिकारी डा अनुभव श्रीवास्तव ने मिशन इंद्रधनुष के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि भारत में सन 1985 में टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी. परंतु आज मात्र 65 प्रतिशत बच्चे व गर्भवती माताओं को इसका लाभ पहुंच रहा है. नतीजतन टीका निवारणीय बीमारियों के कारण प्रति वर्ष 5 लाख बच्चे अकाल ही काल के गाल में समा जाते है. जागरूकता के अभाव के कारण हर 3 में से 1 बच्च टीका रहित रह जाता है. इस मौके पर एसएमएल एजाज अफजल, अस्पताल उपाधीक्षक डा आरपी सिंह, कामता पाठक, डा सौरभ, डा अशोक, डीपीओ सत्य नारायण मंडल, एजाज अहमद अंसारी, हरि किशोर मंडल सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.