मदरसा संचालन में कई कमियां उजागर

किशनगंज : बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशनल बोर्ड पटना के के द्वारा मदरसा गौसया फैज धुसमाल मदरसा नंबर 345 के कमेटी की जांच का जिम्मा बोर्ड के सदस्य व जदयू के जिलाध्यक्ष मास्टर मुजाहिद आलम को सौंपा गया था. इसी क्रम में मास्टर मुजाहिद आलम ने मदरसा का निरीक्षण किया निरीक्षण के दौरान मदरसा के प्रधान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:30 PM

किशनगंज : बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशनल बोर्ड पटना के के द्वारा मदरसा गौसया फैज धुसमाल मदरसा नंबर 345 के कमेटी की जांच का जिम्मा बोर्ड के सदस्य व जदयू के जिलाध्यक्ष मास्टर मुजाहिद आलम को सौंपा गया था. इसी क्रम में मास्टर मुजाहिद आलम ने मदरसा का निरीक्षण किया

निरीक्षण के दौरान मदरसा के प्रधान मौलवी मो शब्बीर बिना सूचना के पिछले दो दिनों से अनुपस्थित मिले. उन्हें पूर्व में भी लिखित जांच संबंधित सूचना भेज दी गयी थी एवं उन्हें फोन से भी सूचित कर दिया गया था.

जांच के दौरान पाया गया कि प्रधान मौलवी प्राय: मदरसा से गायब रहते हैं जिनका समर्थन मदरसा में मौजूद अन्य पांच शिक्षकों ने भी किया. मदरसा में आज 183 छात्र-छात्राओं की उपस्थिति थी, जबकि लोगों ने बताया कि वास्तविक उपस्थिति कुछ कम रहती है.

शिक्षकों ने यह भी बताया कि अधिक उपस्थिति दर्ज कर खिचड़ी का पैसा निकाल कर सरकारी राशि का बंदरबांट किया जाता है. लोगों ने बताया कि मदरसा के पुराने सचिव हबीबुर्रहमान एवं अध्यक्ष रफीक आलम पिछले 30 वर्षों से अधिक समय से इस पद पर काबिज हैं. लेकिन उन लोगों का ध्यान मदरसा के विकास पर नही है.

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि मदरसा में पिछले दिनों इन लोगों ने दो शिक्षकों मौलवी मरगुब आलम एवं मौलाना अकमल यजदानी से पैसे लेकर बहाली कर दी, ऐसे लोगों का आरोप था. जिसे दोनों शिक्षकों ने भी स्वीकार किया कि उन्होंने डोनेशन दिया है, लेकिन डोनेशन की राशि नहीं बतायी. मदरसा की स्थिति बुहत दयनीय है.

मदरसा में पठन पाठन कार्य सहित अन्य सरकारी योजना का लाभ छात्र-छात्राओं को नहीं मिल रहा है. मदरसा में ढंग का एक भी भवन नहीं है. जिस कारण अधिकांश लोग पुराने कमिटी से बहुत नाराज दिखे. मदरसा में एक नई कमेटी बनी है. जिसके अध्यक्ष नैयर आलम, सचिव मो नजामी है. जांच के लिए श्री आलम को अधिकृत किया गया था.

मास्टर मुजाहिद आलम ने बताया कि बहुत जल्द वे अपनी रिपोर्ट आगे की कार्यवाही हेतु मदरसा बोर्ड को भेजेंगे. जांच के दौरान स्थानीय मुखिया मो सिकंदर आलम उर्फ दारा, शकुर उर्फ खंजाची, तनवीर आलम, मंजर आलम, हसन रजा, एहतसाम हुसैन के अलावे सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे एवं सारी कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी की गयी है.

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