ठाकुरगंज : विधान सभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. चुनावी मैदान में डटे प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव कोशिशों में लगे हैं. मतदाताओं की गोलबंदी के लिए तमाम प्रयास हो रहे हैं. परंतु कृषि प्रधान इस क्षेत्र में किसानों की बदहाली एवं कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना मुद्दा नहीं बन पा रहा है.
बिहार को चाय एवं अनानास जैसी फसलों के मामले में पहचान दिलाने वाले ठाकुरगंज विधान सभा क्षेत्र में इनके उत्पादकों की हितों की बात गौण हो गयी. जुट की बड़े पैमाने पर खेती होने के बावजूद जुट मिल का सपना सपना ही रह गया. क्षेत्र के किसानों की बीच इस बात की गहरी टीस है कि कोई भी उम्मीदवार किसानों के मुद्दे पर चुप्पी साधे है. रूईधासा के जैकी अनवर कहते है कि तमाम घोषणाओं के बावजूद जुट मिल नही बनने से किसान इस फसल से विमख हो रहे है. भोगडावर के जफीर आलम की माने तो नगदी फसल के रूप में किसान मक्का की खेती बृहत पैमाने पर कर रहे है. परंतु मक्का से संबंधित प्रसंस्करण यूनिट क्षेत्र में नहीं लगने से आने वाले दिनों में किसान परेशान होंगे.