ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
इस गांव के दस परिवारों के घर पहले ही नदी में िवलीन हो चुके हैं छत्तरगाछ : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत शेरशाहवादी टोला बकसा डोंक नदी के तट पर बसा हुआ है. पिछले कई वर्षों से ग्रामीण डोंक नदी की कहर से त्रस्त है. उक्त गांव के दस परिवारों का घर नदी के कटाव की भेंट […]
इस गांव के दस परिवारों के घर पहले ही नदी में िवलीन हो चुके हैं
छत्तरगाछ : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत शेरशाहवादी टोला बकसा डोंक नदी के तट पर बसा हुआ है. पिछले कई वर्षों से ग्रामीण डोंक नदी की कहर से त्रस्त है. उक्त गांव के दस परिवारों का घर नदी के कटाव की भेंट चढ़ गया है, जबकि पचास से अधिक परिवार कटाव के भय से दूसरे जगह पलायन कर गये हैं. प्रत्येक वर्ष डोंक नदी के कटाव से गांव वाले काफी भयभीत हैं,
जिसे लेकर बुधवार को उक्त गांव के सैकड़ों महिला व पुरुषों ने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए बवाल काटा. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सारोगोड़ा पंचायत स्थित शेरशाहवादी टोला बक्सा में लगभग दो सौ से अधिक परिवार है. आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि डोंक नदी के कटाव से हम सभी गांव वाले तबाह व बरबाद हो गये है. 10 एकड़ से अधिक खेती योग जमीन नदी के गर्भ में समा गयी है. जिससे कई परिवारों को मजदूरी कर अपने परिवार का पालन करना पड़ रहा है.
ग्रामीण अब्दुसलाम, एनुल हक, मो इसराइल, मालेक दस्तूर, मो महताब आदि ने बताया कि डोंक नदी का तटबंध निर्माण को लेकर हम लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावे मुख्यमंत्री के जनता दरबार सहित जिलाधिकारी से भी गुहार लगायी. लेकिन किसी ने भी हमारी समस्या पर ध्यान नहीं दिया. ग्रामीण मो फिरोज, मनीरूल हक, आशिया खातून तथा कोहीनूर बेगम ने बताया कि गांव से मुख्य सड़क तक जाने वाली सड़क भी डोंक नदी के कटाव का शिकार हो गया है. हालांकि यहां सभी दल के नेता जीत कर विधानसभा व संसद पहुंचते है लेकिन किसी ने भी तटबंध निर्माण करने की जहमत नहीं उठायी.