मिर्जापुर पंचायत की सड़क जर्जर

पोठिया : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मिर्जापुर पंचायत स्थित ग्रामीण सड़कें जर्जर हो गयी है. सड़क विकास की एक अहम कड़ी है. सुगम यातायात होने से ही क्षेत्र का विकास संभव है. प्रखंड क्षेत्र में स्थानीय विधायक तथा सांसद द्वारा दर्जनों सड़कों का शिलान्यास प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना के अंतर्गत किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2015 4:37 AM

पोठिया : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मिर्जापुर पंचायत स्थित ग्रामीण सड़कें जर्जर हो गयी है. सड़क विकास की एक अहम कड़ी है. सुगम यातायात होने से ही क्षेत्र का विकास संभव है. प्रखंड क्षेत्र में स्थानीय विधायक तथा सांसद द्वारा दर्जनों सड़कों का शिलान्यास प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना के अंतर्गत किया जा रहा है.

वहीं पोठिया प्रखंड अंतर्गत मिर्जापुर पंचायत के कई महत्वपूर्ण सड़कों की विधायक व सांसद के द्वारा अनदेखी की जा रही है. इस आशय की जानकारी देते हुए मिर्जापुर पंचायत के मुखिया सह जदयू प्रखंड अध्यक्ष रोबिन शर्मा ने दी. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जनता हाट महादलित टोला से चोपड़ा आवदिवासी टोला, मदनगंज शेरशाहवादी टोला, मिर्जापुर मस्जिद होते हुए बाघरानी मसजिद तक लगभग सात किमी कच्ची सड़क,

मरखाना पोखर से शेरशाह वादी टोला, झील बस्ती होता हुआ बुढ़ीगच्छ तक लगभग तीन किमी कच्ची सड़क इस प्रकार लोधाबाड़ी बंगाल बोर्डर से मुखिया के गांव से होते हुआ बारह खुली तक लगभग डेढ़ किमी कच्ची सड़क वर्षों से जर्जर स्थिति में है, जिससे हजारों की आबादी प्रभावित है. मुखिया रोबिन शर्मा ने कहा कि तीनों सड़कें मिर्जापुर पंचायत सहित अन्य कई पंचायत वासियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. ये सड़कें जहां क्षेत्र की सबसे बड़ी मंडी कही जाने वाली पश्चिम बंगाल स्थित सोनापुर,

प्रखंड मुख्यालय सहित जिला मुख्यालय को जोड़ती है. यदि तीनों सड़कों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क या फिर मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जोड़ कर इनका कायाकल्प कर दिया जाये, तो क्षेत्र के विकास को काफी बल मिलेगा. ग्रामीण अनिल सोरेन,

विनोद रविदास, देवेन रविदास, काशीम रजा, इसमाइल, हेमंत पहान, फागू सिंह, पूर्व सरपंच अल्हाज मेहदी हसन तथा भोगेन सिंह आदि दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के समय हमारे नेता विकास करने के नाम पर झूठी वादा कर हमसे हमारा बोट बटोर लेते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद गांव की सुधि लेने तक नहीं आते हैं. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी सहित विधायक व सांसद का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि तीनों सड़कों का निर्माण कार्य जल्द नहीं किया गया तो हम लोग बाध्य होकर आंदोलन करेंगे.

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