परेशानी . करोड़ों रुपये की लागत से बनी थी महानंदा पुल से खरना तक की सड़क

छत्तरगाछ : करोड़ों रुपये की लागत से बना महानंदा पुल खरना से बुढ़नई हाट को जोड़ने वाली लगभग सात किमी सड़क आज विभागीय उदासीनता के कारण सड़क का अस्तित्व खतरे में है. यदि समय रहते सड़क की मरम्मत नहीं की गयी, तो इस सड़क पर कभी भी आवागमन बाधित हो सकता है. हजारों की आबादी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2015 4:38 AM

छत्तरगाछ : करोड़ों रुपये की लागत से बना महानंदा पुल खरना से बुढ़नई हाट को जोड़ने वाली लगभग सात किमी सड़क आज विभागीय उदासीनता के कारण सड़क का अस्तित्व खतरे में है. यदि समय रहते सड़क की मरम्मत नहीं की गयी, तो इस सड़क पर कभी भी आवागमन बाधित हो सकता है.

हजारों की आबादी प्रभावित हो सकती है, जिसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने अविलंब ग्रामीण पथ निर्माण विभाग से सड़क मरम्मत कराने की मांग की है. ज्ञात हो कि ठाकुरगंज, किशनगंज पीडब्लूडी मुख्य सड़क महानंदा पुल खरना से खरना, भाग खरना, गेदरी, ग्वाल टोली तथा फुल भाषा गनगई टोला होते हुए बुढ़नई हाट ठाकुरगंज बरचौंदी आरईटो मुख्य सड़क को जोड़ती है. उक्त सड़क का निर्माण कार्य दो भागों में ठाकुरगंज के पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल के प्रयास से किया गया था. तब स्थानीय लोगों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गयी थी. लेकिन विडंबना ही कहा जाये,

कि इतनी महत्वपूर्ण सड़क की आज विभाग द्वारा अनदेखी की जा रही है. बारिश से जगह-जगह सड़क पर रैन कट हो जाने से सड़क की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करती है. ग्रामीणों का कहना है कि महानंदा नदी से सटा बना सड़क के किनारे बलवाई मिट्टी होने से बरसात में सड़क रैन कट के कारण कई स्थानों पर कट गया है, जिसे लेकर ग्रामीण काफी चिंतित हैं.

थानीय ग्रामीण गुलाम मुश्तफा, अल्हाज मो सगीर, पूर्व मुखिया राम दास, जय नारायण गणेश, पूर्व पंसस लतीफुर्रहमान, पूर्व वार्ड सदस्य अनीसुर रहमान, पैक्स अध्यक्ष मो अनजार आलम तथा वार्ड सदस्य गुल मोहम्मद, जुनैद आलम आदि लोगों ने जिला पदाधिकारी तथा संबंधित विभाग का ध्यान आकृष्ट करते हुए सड़क मरम्मती कार्य करने की मांग की है तथा ग्रामीण ने यह भी कहा कि जल्द सड़क मरम्मती कार्य नहीं किया गया तो हम लोग बाध्य होकर आंदोलन करेंगे.

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