लड़की के साथ गंदी हरकत करने वाले किशनगंज जेलर गिरफ्तार

पटना-किशनगंज : किशनगंज के जेल अधीक्षक कृपाशंकर को गिरफ्तार कर लिया गया है. नाबालिग लड़की के साथ गंदी हरकत के मामले में सरकार ने संज्ञान लेते हुए पहले एफआईआर दर्ज किया और अब खबर मिल रही है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक डीआरडीए के निदेशक भरत भूषण को जेल अधीक्षक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2016 7:52 PM

पटना-किशनगंज : किशनगंज के जेल अधीक्षक कृपाशंकर को गिरफ्तार कर लिया गया है. नाबालिग लड़की के साथ गंदी हरकत के मामले में सरकार ने संज्ञान लेते हुए पहले एफआईआर दर्ज किया और अब खबर मिल रही है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक डीआरडीए के निदेशक भरत भूषण को जेल अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

बिहार के किशनगंज जिला स्थित एक जेल के जेल अधीक्षक कृपा शंकर पाण्डेय के एक किशोरी के साथ कथित रूप से प्रेमालाप की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर आज जेल अधीक्षक को निलंबित करके उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. जेल महानिरीक्षक आनंद किशोर ने आज इसकी पुष्टि करते हुए बताया बताया कि किशनगंज कारागार के जेल अधीक्षक को निलंबित किये जाने के साथ इस मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नई दिल्ली से आज दोपहर पटना लौटने पर इसे गंभीरता से लेते हुए इस मामले में तुरंत कड़ी कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिये. किशनगंज से प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार वहां के जेल अधीक्षक को एक किराना दुकानदार की बच्ची के साथ अशोभनीय हरकत करते हुए कैमरे में कैद किये जाने पर पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन ने कल अनुमंडल पुलिस अधिकारी कामिनी वाला को इस मामले की जांच के निर्देश दिये थे.

अनुमंडल पुलिस अधिकारी ने कल रात्रि पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस मामले को प्रथम दृष्टया में सही बताया था. इस बारे में कल रात्रि जब जेल अधीक्षक से पूछा गया तो उनका दावा था कि उक्त बच्ची के साथ उनका पितृत्व संबंध है. उक्त किशोरी के साथ अशोभनीय हरकत वाली उनकी तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर तस्वीर अशोभनीय है तो इसमें वे क्या कर सकते हैं. उससे जिसे जो भी मतलब निकालना निकाले.

उल्लेखनीय है कि पाण्डेय जो कि छह-सात महीने पूर्व उक्त जेल में जब जेलर के पद पर तैनात थे उनके खिलाफ एक विचाराधीन कैदी के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करने का आरोप लगा था और तत्कालीन जिला दंडाधिकारी अनिमेश कुमार पराशर ने इस संबंध में जेल प्रशासन को एक रिपोर्ट भेजी थी पर बाद में उक्त मामला के दब जाने पर उन्हें उसी जेल में अधीक्षक के पद पर प्रोन्नति दे दी गयी.

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