वन्य जीवों के अंग की तस्करी रोकना गंभीर चुनौती
वन्य जीवों व उसके अंगों की तस्करी का सुगम मार्ग किशनगंज ठाकुरगंज : किशनगंज जिला वन्य जीवों व उसके अंगों की तस्करी का सुगम मार्ग वर्षों से रहा है़ समय-समय पर चाहे इस इलाके से हो या समीप के इलाकों से वन्य जीवों की तस्करी लगातार होती रही है़ बिहार की सीमा से सटे बंगाल […]
वन्य जीवों व उसके अंगों की तस्करी का सुगम मार्ग किशनगंज
ठाकुरगंज : किशनगंज जिला वन्य जीवों व उसके अंगों की तस्करी का सुगम मार्ग वर्षों से रहा है़ समय-समय पर चाहे इस इलाके से हो या समीप के इलाकों से वन्य जीवों की तस्करी लगातार होती रही है़ बिहार की सीमा से सटे बंगाल और नेपाल में ऐसी कई जब्तियां अब तक हुई है जिसमे कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई़ इसके पूर्व 28 अप्रैल 2011 को एसएसबी की 36वीं बटालियन के जवानों ने हिरण के दो सींग के साथ एक युवक को उस वक्त धर दबोचा था जब वो नेपाल जाने की फिराक में था़ इसी वर्ष अप्रैल माह में सीमा पार नेपाल के धनगढ़ी जिले से गैंडे की सींग के साथ पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई थी़
वहीं इसके पूर्व नवंबर 2015 में बंगाल के जलपाईगुड़ी से गेंडे के सींग और हाथी के दांत के साथ पांच तस्करों की गिरफ्तारी की गयी थी़ बुधवार को एसएसबी के द्वारा की गयी जब्ती ने इस इलाके को वन्य जीवों के तस्करों के सुगम मार्ग की और इशारा कर दिया़ बताते चलें गैंडे के सींग की कीमत बाजार में सोने और हीरे से भी ज्यादा है. इसका शिकार करने वालो को इसकी अच्छी कीमत मिलती है, जो इनके शिकार होने का बड़ा कारण है़ जानकार बताते है की गैंडे के सींग तौल के हिसाब से सोने और हीरे तो दूर कोकीन से भी महंगा होता है जिस कारण इनका शिकार लगातार बढ़ता जा रहा है़
क्या कहते हैं कमांडेंट
एसएसबी 19 वीं वाहिनी के कमांडेंट एंथोनी थामनी ने कहा कि वन्य जीवों व उसके अंगों की तस्करी रोकने के लिए खुफिया तंत्र भी मजबूत किया गया है. इससे तस्कर अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे है. उन्होंने ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा होकर तस्करों की सक्रियता को लगातार एसएसबी चुनौती के रूप में ले रही है.