कुपोषित बच्चों की जांच को पहुंचे सिविल सर्जन पहुंचे पोषण पुनर्वास केंद्र
प्रभात खबर में प्रकािशत हुइ्र थी अराजकता की खबर िसविल सर्जन ने लिया संज्ञान पहुंचे सदर अस्पताल किशनगंज : स्थानीय सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में व्याप्त अराजकता की खबर प्रभात खबर के गुरुवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गयी. एक अदद चिकित्सक के […]
प्रभात खबर में प्रकािशत हुइ्र थी अराजकता की खबर
िसविल सर्जन ने लिया संज्ञान पहुंचे सदर अस्पताल
किशनगंज : स्थानीय सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में व्याप्त अराजकता की खबर प्रभात खबर के गुरुवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गयी. एक अदद चिकित्सक के सेवा से भी महरूम रहने वाले पोषण पुनर्वास केंद्र में गुरुवार को चिकित्सकों की लाइन लग गयी़
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि खुद सिविल सर्जन भर्ती कुपोषित बच्चों की जांच के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंच गये़ चिकित्सकों के इस आवाजाही से हालांकित भर्ती बच्चों को तो कोई लाभ नहीं पहुंचा़ परंतु खानापूर्ति जरूर हो गयी़ क्योंकि हाल के दिनों में सिविल सर्जन परशुराम प्रसाद द्वारा तुगलकी फरमान जारी किये जाने से चिकित्सकों के हाथ भी बंध गये है़ं
अपने आदेश में सिविल सर्जन ने स्पष्ट रूप से चिकित्सकों को बच्चों की जांच करने का निर्देश दिया है़ नतीजतन चिकित्सक सिर्फ बच्चों की जांच करने को ही विवश है़ं इलाज के लिए अब भी कुपोषित बच्चों के परिजनों को इधर उधर ही भटकना पड़ रहा है़ यहां बताते चले कि पोषण पुनर्वास केंद्र में वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे डाॅ निरंजन शरण के कार्य पर असंतोष जाहिर करते हुए तथा डाॅ निरंजन के कारण एनआरसी की गुणवत्ता प्रभावित होने का आरोप लगाते हुए सिविल सर्जन ने उन्हें कार्य मुक्त कर दिया था़ जबकि डाॅ निरंजन के यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण उत्तीर्ण के बाद राज्य सरकार ने उन्हें बातैर शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में छत्तरगाछ रेफरल अस्पताल में नियुक्त कर दिया है़ यहां यह भी बतातें चले कि पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों को चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के लिए 24 घंटे चिकित्सक की नियुक्ति का प्रावधान है़