खुलेआम हो रहा है अवैध बालू का उत्खनन
रविवार को ठाकुरगंज अंचलाधिकारी द्वारा अवैध खनन कर रहे दो ट्रैक्टर की जब्ती के बाद यह साफ हो गया कि अब भी बालू का अवैध खनन बदस्तूर जारी है. ठाकुरगंज : जनवरी 2016 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद किशनगंज जिले में बालू का खनन बंद होने के बावजूद जिले में धड़ल्ले से […]
रविवार को ठाकुरगंज अंचलाधिकारी द्वारा अवैध खनन कर रहे दो ट्रैक्टर की जब्ती के बाद यह साफ हो गया कि अब भी बालू का अवैध खनन बदस्तूर जारी है.
ठाकुरगंज : जनवरी 2016 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद किशनगंज जिले में बालू का खनन बंद होने के बावजूद जिले में धड़ल्ले से बालू का खनन जारी है.
रविवार को ठाकुरगंज अंचलाधिकारी द्वारा अवैध खनन कर रहे दो ट्रैक्टर की जब्ती के बाद यह साफ हो गया कि अब भी बालू का अवैध खनन बदस्तूर जारी है. 19 जनवरी 2016 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के कोलकाता ऑफिस के बालू खनन रोकने के स्पष्ट आदेश के बावजूद अब तक जिला प्रशासन इस मामले में सफल नहीं हो पाया है कि बालू के अवैध उत्खनन को कैसे रोका जाये. आज जबकि बालू खनन रोकने के आदेश के बावजूद प्रखंड में सक्रिय बालू के ठेकेदारों द्वारा चोरी छिपे अब भी खनन जारी है. वहीं जानकारों की यदि मानें तो काफी शक्तिशाली इन बालू के ठेकेदारों द्वारा खनन रोकने के आदेश के पूर्व ऐसे-ऐसे स्थलों से बालू का खनन हुआ है जो जिले के माइनिंग प्लान में दर्ज तक नहीं है.
रविवार को सीओ ने जब्त किया था बालू
माइनिंग प्लान की यदि माने तो चेंगा नदी में बालू खनन सखुआडाली पंचायत में ही हो सकता था. इसके लिए इस पंचायत में खाता नंबर 1047 ,1048 ,1066 के 4 एकड़ 80 डिसमिल जमीन निर्धारित थी, लेकिन इस नदी में कुकुरबाघी पंचयत में माता बाजार, साहूगछ, झोरा पहाड़,वासनडूबी और पथरिया पंचायत के पथरिया और जंगलाभिठा तो सखुआडाली पंचायत में चेंगाघाट , कटहलडांगी घाट, गिधीनगोला घाट से जनवरी तक धड़ल्ले से खनन हो रहा था, जबकि पूरी चेंगा नदी में केवल एक ही जगह से खनन की अनुमति थी. रविवार को जब्त किये गये बालू भी कटहलडांगी घाट से उठाते वक्त अंचलाधिकारी ने पकड़ा था. लगभग यही कहानी मेची और बूढ़ी कनकई नदी की है मेची नदी में खनन की अनुमति केवल गंभीरगढ़ घाट पर थी परंतु भातगांव,भक्सरभीठा, खटखट्टी, नावडूबा, जेसे स्थानों से बालू का खनन होता है. सीओ ने कहा कि अवैध पर पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
79 घाटों से रही बालू की अवैध ख्ुदाई
बताते चलें कि जिले के माइनिंग प्लान में केवल नौ जगहों से बालू के खनन की अनुमति खनन विभाग देता है, परंतु जिले की विभिन्न नदियों के 79 घाटों से बालू की खुदाई कर उसे ऊंचे दामों पर बेचा जाता रहा है. इसमें बात यदि ठाकुरगंज प्रखंड की करे तो माइनिंग प्लान के अनुसार ठाकुरगंज में चेंगा नदी, मेची नदी और बूढ़ी कनकई नदी के मात्र तीन घाटों से ही खनन की अनुमति दी गई थी. लेकिन प्रखंड के दर्जन भर घाट से बालू का उठाव हो रहा था और तो और पुरे बिहार में प्रतिबंध के बावजूद प्रखंड के कुकुरबाघी पंचायत के कई घाटों से पत्थर का भी उत्खनन किया जाता रहा है.
प्रतिवर्ष बेचा जाता है लाखों रुपये का पत्थर
सबसे मजेदार बात यह है कि ठाकुरगंज के कुकुरबाघी पंचायत में जहां से चेंगा नदी बिहार में प्रवेश करती है. वहां काफी मात्रा में बालू के साथ पत्थर भी नदी में बह कर आता है. बताते चलें कि कुकुरबाघि पंचायत के किसी भी घाट का माइनिंग प्लान में उल्लेख नहीं है. इसके बाबजूद खनन विभाग की चुप्पी का फायदा उठा कर प्रतिवर्ष लाखों रुपये का पत्थर बेचा जाता रहा है. वहीं इस मामले में खनन पदाधिकारी मतिउररहमान से जब संपर्क का प्रयास किया गया तो उनके मोबाइल नंबर-9973015786 पर मंगलवार को दिन भर घंटिया बजती रही उन्होंने मोबाइल उठाना गंवारा नहीं समझा. जिस कारण इस पूरे मामले पर की ठाकुरगंज प्रखंड में माइनिंग प्लान के तहत तीन जगहों पर खदान होने के बावजूद दर्जन भर जगहों पर कैसे खनन होता रहा जैसे अन्य मसलों पर उनका विचार नहीं लिया जा सका.