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मनरेगा पीओ का सर्टिफिकेट फरजी

खुलासा. पटना के संस्थान ने की पुष्टि, कहा-सभी प्रविष्टियां हैं गलत जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ( डीआरडीए) में बतौर पीओ पदस्थापित रंजीत कुमार प्रमाणिक का एमबीए का प्रमाण पत्र के फरजी है. इसकी पुष्टि ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान पटना के कुलपति के पत्रांक से हुई है. किशनगंज : जिला ग्रामीण […]

खुलासा. पटना के संस्थान ने की पुष्टि, कहा-सभी प्रविष्टियां हैं गलत

जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ( डीआरडीए) में बतौर पीओ पदस्थापित रंजीत कुमार प्रमाणिक का एमबीए का प्रमाण पत्र के फरजी है. इसकी पुष्टि ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान पटना के कुलपति के पत्रांक से हुई है.
किशनगंज : जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ( डीआरडीए) में बतौर पीओ पदस्थापित रंजीत कुमार प्रमाणिक का मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट एक बार फिर फरजी साबित हुआ है़ जिला पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम समन्वयक डीआरडीए पंकज दीक्षित द्वारा 16 अगस्त को जारी किये गये पत्रांक 390 के आलोक में ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान पटना के कुलपति शिव देव सिंह ने अपने पत्रांक 3474/1999/16 के द्वारा स्पष्ट करते हुए बताया कि रंजीत कुमार प्रमाणिक रोल नंबर 032, रजिस्ट्रेशन संख्या 11532/98, सत्र 1998-2000 एमबीए का संस्थान में उपलब्ध परीक्षा अभिलेखों से मिलान कर लिया गया है़
सभी प्रविष्टियां गलत पायी गयी है़ कुलपति के पत्र से स्पष्ट है कि रंजीत कुमार प्रमाणिक एमबीए के फरजी प्रमाण पत्र के आधार पर ग्रामीण विकास अभिकरण में बतौर मनरेगा पीओ के पद पर कार्यरत रहे थे़
2007 में रंजीत कुमार प्रमाणिक की हुई थी बहाली
2007 में रंजीत कुमार प्रमाणिक का अररिया में बहाली हुई थी़ इसके बाद 2010 में प्रमाणिक ने किशनगंज में तबादला करवा लिया़ जिले में उनकी पहली पोस्टिंग बहादुरगंज प्रखंड में हुई थी़ रंजीत कुमार प्रमाणिक के फरजी सर्किफिकेट का खुलासा 2012 में ही हो गया था़ 2012 में जब जिला प्रशासन द्वारा उक्त संस्थान से प्रमाणिक के सर्टिफिकेट के संबंध में रिपोर्ट मांगी तो संस्था के तत्कालीन कुलपति ने उस वक्त भी प्रमाणिक के सर्टिफिकेट को फरजी करार दिया था़
पदाधिकारियों को मैनेज करने में माहिर पीओ रंजीत प्रमाणिक ने 2012 में हुए सर्टिफिकेट जांच रिपोर्ट को गलत साबित करते हुए ललित नारायण मिश्रा संस्थान द्वारा 17 अगस्त 2013 को जारी पत्रांक 256/16 के माध्यम से यह साबित किया कि उनका प्रमाण पत्र सही है़ उसके बाद वह नौकरी करने लगा़ 2016 में पुन: प्रमाणिक के सर्टिफिकेट के मामला में एक पत्रकार ने आरटीइ के जरिये सूचना मांगी. सूचना देने के लिए डीआरडीए किशनगंज द्वारा संस्थान से प्रमाणिक के सर्टिफिकेट के संबंध में जवाब मांगा गया़ संस्था के परीक्षा
नियंत्रक एससी झा ने डीआरडीए लेखा पदाधिकारी के नाम पत्र जारी करते हुए प्रमाणिक के प्रमाण पत्र को फरजी करार दिया़ जुलाई 2016 के जांच प्रतिवेदन के आधार पर डीएम पंकज दीक्षित ने पीओ को कारण बताओ नेाटिस जारी किया था. पीओ ने नोटिस का जवाब देते हुए सूचना मांगने वाले पत्रकार एवं डीआरडीए निदेशक भरत भूषण पर गंभीर आरोप लगाये थे. इसके बाद डीएम ने संस्था से स्वयं प्रमाण पत्र के संबंध में जांच प्रतिवेदन मांगा था़
वर्ष 2013 के संस्था से जारी रिपोर्ट भी थी फरजी
ललित नारायण मिश्र संस्थान के कुलपति ने अपने प्रतिवेदन में यह भी बताया कि पत्रांक 256/13 के तहत संस्थान द्वारा प्रमाणिक के मामले में कोई रिपोर्ट निर्गत नहीं किया गया है. 2013 में दिया गया रिपोर्ट भी फरजी था.
कहते हैं पीओ
साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. पहले भी जांच में मेरे एमबीए का प्रमाण-पत्र सही पाया गया था.
रंजीत कुमार प्रमाणिक, पीओ

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