बैंकों में अब भी लग रही लंबी कतार

परेशानी . जिले के बैंकों में लगातार भीड़ बढ़ने से ग्राहक व बैंककर्मी हो रहे हलकान ठाकुरगंज एसबीआई शाखा में उमड़ी भीड़़ जिला मुख्यालय के अलावे प्रखंडाधीन सरकारी बैंकों में 11 वें दिन शनिवार को भी रूपया जमा तथा निकासी के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है. किशनगंज : जिला मुख्यालय के अलावे प्रखंडाधीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2016 6:03 AM

परेशानी . जिले के बैंकों में लगातार भीड़ बढ़ने से ग्राहक व बैंककर्मी हो रहे हलकान

ठाकुरगंज एसबीआई शाखा में उमड़ी भीड़़
जिला मुख्यालय के अलावे प्रखंडाधीन सरकारी बैंकों में 11 वें दिन शनिवार को भी रूपया जमा तथा निकासी के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है.
किशनगंज : जिला मुख्यालय के अलावे प्रखंडाधीन सरकारी बैंकों में 11 वें दिन शनिवार को भी रूपया जमा तथा निकासी के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है. लोग सुबह से पंक्ति में खड़े होकर भुगतान काउंटर तक पहुंचने का इंतजार करते रहे.
शहर के खगड़ा एसबीआई शाखा में लोगों की लंबी कतार देखी गयी, लेकिन रुपये की निकासी नहीं हो रही थी. समाहरणालय स्थित चार बजे शाम को एसबीआई की एटीएम बंद थी. वैसे एसबीआई मुख्य शाखा, पश्चिम पाली और कैलटैक्स चौक के शाखाओं में राशि जमा एवं निकासी का काम हो रहा था. आज स्याही की व्यवस्था नहीं थी. एक ही व्यक्ति को राशि निकासी के लिए कई बार पंक्ति में लगते देखा गया. हालांकि बुजुर्गों के लिए व्यवस्था की गयी थी लेकिन दिव्यांगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी.
एसबीआई मुख्य शाखा पर पंक्ति में खड़े राजू पासवान, उर्मिला देवी, श्यामल कुमार गुप्ता, राजू कर्मकार, गुड़िया देवी, आलोका दास ने प्रधानमंत्री के नोटबंदी के कदम का स्वागत किया है. सुबह से कतार में खड़े है, 12 बजने को है लेकिन अभी तक बारी नहीं आई है. शाखा प्रबंधक चंपक दास ने बताया कि सबसे अधिक भीड़ मुख्य शाखा में होने के कारण थोड़ी दिक्कते तो होगी. रात 12 बजे तक कर्मियों को काम करना पड़ता है.
गांवों की परेशानी बरकरार
नोटबंदी के बाद ग्रामीण इलाके के लोगों को कठिनाइयों का दंश झेलना पड़ रहा है. वैसे इस फैसले की सराहना हो रही है. नोटबंदी के बाद लोगों की हो रही परेशानी के बारे में बैंक ऑफ बड़ौदा अलता शाखा में पंक्ति में खड़े सीताराम मांझी ने बताया कि कहा कि प्रधानमंत्री का फैसला सही है. गरीब और अमीर की खायी अब दूर हो गयी है.
कालाधन और भष्टाचारियों के खिलाफ यह सबसे बेहतर कदम है. थोड़ी-बहुत परेशानी हो है. लेकिन भविष बेहतर होगा. वहीं मो परवेज ने बताया कि सरकार को यह कदम बहुत पहले उठाना चाहिए था. अभी तो समस्या हो रही है. लेकिन , देशहित में यह अच्छी पहल है. नोटबंदी निर्धन एवं मध्यमवर्गीय परिवार को काफी राहत मिलेगी.
बैंकों में पर्याप्त राशि उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि आसानी से जरूरत के मुताबिक रूपये की निकासी की जा सके. वहीं अशफाक आमल ने कहा कि बेहतर भविष्य के लिए सरकार का यह कदम सराहनीय है. तत्कालिक समस्याओं को दोड़ दे तो इस कदम से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. कालाधन पर अंकुश लगेने से इमानदार लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी. सरवर आलम ने बताया कि नोटबंदी से हम छोटे व्यापारियों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. ग्राहक दस रूपये का समान खरीदने के बाद 500 व हजार का नोट देते हैं.
इससे खुदरा लौटाने में परेशानी होती है. मजबूरन सामान उधारी में बेचना पड़ता है. किसान जमील ने बताया कि नोटबंदी से हमलोग परेशन हैं. रोजमर्रे के सामानों की खरीददारी में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

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