गुणवत्तापूर्ण संस्थानों के स्थापना की आवश्यकता

किशनगंज : जब तक सीमांचल के इलाकों में शत प्रतिशत साक्षरता नहीं होगी यहां किसी भी प्रकार का विकास संभव नहीं है. ये बातें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री प्रोफेसर अब्दुल गफूर ने कही वे सोमवार को ह्यूमेन चेन और राष्ट्रिय उर्दू परिसर के तत्वाधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक सम्मलेन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2016 4:13 AM

किशनगंज : जब तक सीमांचल के इलाकों में शत प्रतिशत साक्षरता नहीं होगी यहां किसी भी प्रकार का विकास संभव नहीं है. ये बातें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री प्रोफेसर अब्दुल गफूर ने कही वे सोमवार को ह्यूमेन चेन और राष्ट्रिय उर्दू परिसर के तत्वाधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक सम्मलेन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि यहां साक्षरता दर पर जोर देना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये.

उन्होंने अखलाकूर रहमान विज्ञान और टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की तथा हर पांच किलोमीटर पर अरबी फारसी और उर्दू और कंप्यूटर सेंटर्स की स्थापना की भी घोषण की. उन्होंने मानक शिक्षण संस्थान की स्थापना पर जोर देते हुए कहा कि जब तक गुणात्मक शिक्षा नहीं होगी तब तक यहां छात्रों के बेहतर कैरियर की कल्पना बेइमानी है. राष्ट्रीय उर्दू परिषद के निदेशक प्रो इरतजा करीम ने सीमांचल के लोगों में प्रतिबद्धता और इच्छा शक्ति बनाने पर जोर देते हुए कहा कि जब तक योजना नहीं होगी
तब तक संस्थान भी स्थापित नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सर सैयद अहमद ने एक दिन में एएमयू स्थापित नहीं किया था. बल्कि वर्षों की प्रतिबद्धता व संघर्ष के बाद ही वे इस संस्थान को स्थापित कर सके. ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और अमीर सरयत बिहार, उड़ीसा, झारखंड मौलाना मो बली रहमानी ने उर्दू भाषा की शिक्षा की आश्यकता पर बल दिया. वहीं ह्यूमेन चेन के अध्यक्ष इंजीनियर मो असलम अलीग ने श्री रहमानी से आग्रह किया कि वे सीमांचल के अंदर उच्च शैक्षिक गुणवत्ता वाले लड़के-लड़कियों के लिए दो स्कूल स्थापित करे. इस मौके पर एएमयू के उप कुलपति ब्रिगेडेर सैयद अहमद, कटिहार मेडिकल कालेज के चेयरमेन डा अहमद अशफाक करीम, एएमयू एलूमनाई संयुक्त अरब अमिरात के अध्यक्ष सैयद कुत्बुर्रहमान ने भी अपनी बातें रखी.

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