किशनगंज : अनुमंडल पदाधिकारी मो शफीक ने 19 दिसंबर को एनएच 31 पर कोयला लदे पांच टेलर ट्रक को पकड़ कर खनन विभाग के हवाले कर दिया था़ एसडीओ ने बताया कि ट्रक में लदे कोयला संबंधित कोई भी वैध कागजात ट्रक चालक दिखाने में असमर्थ रहा. ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रक पर लदे कोयला अवैध है़ उन्होंने कहा कि पकड़े गये ट्रकों में यूपी 53 बीटी 3382, यूपी 53 सीटी 3885, यूपी 53 सीटी 5016, यूपी 53 सीटी 1415 एवं यूपी 5 एटी 0350 को जब्त करने के लिए खनन विभाग को सौंपा जा रहा है़ मौके पर मौजूद खनन विभाग के कर्मी कुणाल कुमार ने बताया कि खनन के साथ साथ परिवहन एवं सेलटैक्स विभाग से से संबंधित कागजातों की जांच करायी जायेगी. कोयला लदे उक्त पांच ट्रक पुलिस लाइन परिसर में लगे हुए है़
लेकिन ट्रकों को जब्त किये जाने के तीन दिन बाद भी कोई अग्रतर कार्रवाई नहीं की गयी है़ यदि जब्त ट्रकों में लदा कोयला अवैध है तो ट्रक एवं कोयला से संबंधित लोगों पर अब तक प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गयी है़ यदि कोयला से संबंधित सभी वैध कागजात मौजूद है तो अब तक ट्रकों क्यों रोक कर रखा गया है़ आखिरकार पदाधिकारी किस बात का इंतजार कर रहे है़ यह समझ से परे है़ जिले में अवैध कोयला का कारोबार परवान पर है़ असम से किशनगंज के रास्ते प्रतिदिन दर्जनों अवैध कोयला लदे ट्रकों का परिचालन हो रहा है़ अवैध कोयला आदि ट्रकों में न तो सेलटैक्स का सुविधा शुल्क से संबंधित कागजात रहता है न ही खनन से संबंधित और न ही जितना माल ट्रक में लदा रहता है उतना कोयला के खरीदारी का कागज रहता है़ इन अवैध ट्रकों को किशनगंज सीमा से पार कराने के लिए किशनगंज से लेकर दालकोला तक कोयला माफिया सक्रिय है़ परिवहन विभाग से संबंधित ओवर लोडिंग के लिए इंट्री का धंधा किशनगंज के लिए पुस्तैनी धंधा बन गया है़ एक अधिकारी से पूछने पर वे कार्रवाई करने के बजाय यह कहे कि हर जिले का कोई न केाई लोकल धंधा होता है़ इंट्री किशनगंज जिले का लोकल धंधा बन गया है़ अब ऐसा प्रतीत होता है कि परिवहन विभाग की इंट्री के साथ साथ सेलटैक्स एवं खनन विभाग का इंट्री भी किशनगंज का लोकल धंधा में शुमार हो जायेगा. काला तुल्लाह उर्फ मुन्ना काबा, अरसद, तरबेज, परवेज ऐसे कई चर्चित नाम है जो बंगाल के दालकोला में बैठ कर अपने गुर्गो से अवैध कोयला का परिचालन करवाते है़ सेलटैक्स परिवहन एवं खनन विभाग से सांठगांठ कर कोल माफिया इन अवैध ट्रकों का परिचालन करवाते है़ कोल माफियाओं को प्रति ट्रक 8 से 10 हजार रूपये फायदा होता है और प्रतिदिन सौ से अधिक कोयला लदे ट्रकों का परिचालन होता है़