श्रमिकों की कार्यदशा में लाया जा रहा है सुधार

किशनगंज : असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की कार्यदशा में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार संवेदनशील है. सरकार श्रम संसाधन विभाग द्वारा हर संभव श्रमिकों के दिशा व दशा में उत्तरोतर उत्थान के लिए निरंतर नियमों में संशोधन करती रही है. श्रम अधिकार दिवस के अवसर पर तेरापंथ भवन में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2017 4:52 AM

किशनगंज : असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की कार्यदशा में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार संवेदनशील है. सरकार श्रम संसाधन विभाग द्वारा हर संभव श्रमिकों के दिशा व दशा में उत्तरोतर उत्थान के लिए निरंतर नियमों में संशोधन करती रही है. श्रम अधिकार दिवस के अवसर पर तेरापंथ भवन में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के उपरांत श्रम अधीक्षक जावेद रहमत ने कहा कि राज्य सरकार ने बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना के तहत पीड़ित श्रमिकों के मुआवजा में गुणात्मक वृद्धि किया है.

बिहार भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित इस योजना के तहत भवन मरम्मती हेतु 20 हजार रुपया दिया जायेगा अगर वे तीन वर्ष की सदस्यता पूर्ण कर लेते हैं. श्रम अधीक्षक श्री रहमत ने कहा कि प्रवासी मजदूर की सामान्य मृत्यु होने पर आश्रित को एक लाख रुपया, आंशिक अपंगता की स्थिति में 37 हजार 5 सौ रुपया एवं पूर्ण अपंगकता की स्थिति में 75 हजार राशि देने का प्रावधान तय किया है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार सरकार दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रूपया मृतक के आश्रित को देती है.

इस अवसर पर उपस्थित पूर्व श्रम अधीक्षक श्याम सुंदर प्रसाद ने इस जिला के भौगोलिक स्थिति एवं पूर्व अनुभव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह इलाका मानव व्यापार एवं बाल श्रमिकों के लिए काफी चर्चित रहा है. उन्होंने कहा कि बाल श्रम को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है और ऐसे अपराध में शामिल लोगों के लिए 3 माह से 1 वर्ष तक का कारावास अथवा 10 हजार से 20 हजार का जुर्माना का प्रावधान है. कार्यक्रम को चाइल्ड लाइन का जिला समन्वयक पंकज कुमार झा, टीप इंडिया का जिला समन्वयक विपीन बिहारी, हिंद खेत मजदूर संघ का अलीमुद्दीन अंसारी ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में किशनगंज, दिघलबैंक एवं ठाकुरगंज के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी क्रमश: अवधेश कुमार, अफरोज आलम एवं अरूण कुमार सहित प्रत्येक पंचायत के मजदूर प्रतिनिधि मौजूद थे.

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