लोगों को दी गयी वित्तीय योजनाओं की जानकारी
डिजिटल वित्तीय साक्षरता पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किशनगंज : दिघलबैंक प्रखंड के करूआमनी पंचायत अंतर्गत करूआमनी गांव में नाबार्ड एवं उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय डिजिटल आधारित वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया़ इसका उद्देश्य ग्रामीणों को बदलते परिवेश में विभिन्न वित्तीय योजनाओं की जानकारी मुहैया कराना था़ […]
डिजिटल वित्तीय साक्षरता पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
किशनगंज : दिघलबैंक प्रखंड के करूआमनी पंचायत अंतर्गत करूआमनी गांव में नाबार्ड एवं उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय डिजिटल आधारित वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया़ इसका उद्देश्य ग्रामीणों को बदलते परिवेश में विभिन्न वित्तीय योजनाओं की जानकारी मुहैया कराना था़ विदित हो कि नाबार्ड द्वारा जिले में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के माध्यम से 31 मार्च 17 के पूर्व किशनगंज के विभिन्न प्रखंडों में ग्यारह वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे
कार्यक्रम का उद्घाटन नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सावन प्रकाश एवं उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के वित्तीय सलाहकार वशी अहमद द्वारा संयुक्त रूप से किया गया़ इसके अतिरिक्त इस कार्यक्रम में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की तुलसिया शाखा के शाखा प्रबंधक मो फारूख, तुलसिया शाखा के शाखा अधिकारी राहुल कुमार, करूवामनी के बैंक मित्र रंजीत कुमार सिंह एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण खास कर महिलाओं ने भाग लिया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीडीएम सावन प्रकाश ने बताया कि वित्तीय समावेशन के अंतर्गत नाबार्ड की यह जिम्मेदारी है कि समस्त प्रतिभागियों के वित्तीय साक्षरता हेतु भूमिका निभाये़
ऐसे में वित्तीय साक्षरता पर जागरूकता कार्यक्रम एक सशक्त माध्यम है जिनके द्वारा बैंकिंक सेवा से वंचित लोगों को बैंकिंग सुविधाओं एवं इससे जुड़े लाभों की जानकारी दी़ इसी क्रम में उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन एक राष्ट्रीय मुद्दा है़ इसी कारण पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय समावेशन से संबंधित विभिन्न योजनाएं देश भर में लागू की गयी है़ साथ ही नोटबंदी के उपरांत सरकार द्वारा कैशलैश ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की मुहिम चलायी जा रही है एवं लोगों के बीच मोबाइल, ई बैलेट, आधार आधारित बैंकिंग सुविधाओं के प्रचार प्रसार का काम चलाया जा रहा है़
इसी क्रम में उपस्थित ग्रामीणों को प्रजेंटेशन के माध्यम से एवं वीडियो फिल्म के द्वारा इन योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया़ इसी क्रम में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के वित्तीय सलाहकार वशी अहमद ने इस बात पर जोर दिया कि मात्र बैंकिंग की आधारभूत सुविधाएं बढ़ा कर अथवा लोगों के लिए एक मूल बचत खाता खोल कर वित्तीय समावेशन प्राप्त नहीं किया जा सकता है़ सही मायने में यदि सम्मिलित विकास के लिए वित्तीय समावेशन आवश्यक है जो सफल वित्तीय समावेशन के लिए वित्तीय साक्षरता एक पूर्व प्रतिबंध है़
इसके उपरांत उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक तुलसिया के शाखा प्रबंधक मो फारूख ने लोगों को विस्तार से डेबिट कार्ड, रूपे कार्ड, एटीएम, माइक्रो एटीएम, पॉस मशीन, मोबाइल बैंकिंग एपलीकेशन आदि के संबंध में बताया़ इस मौके पर ग्रामीणों के मध्य आधार कार्ड से बैंक खातों की सीडिंग, एटीएम एवं पिन का वितरण, पिन पैड के माध्यम से एक्टीवेशन, एसएमएस एलर्ट की सुविधाओं की शुरुआत, इत्यादि बैंकिंग सुविधाएं भी मुहैया करायी गयी़ इस कार्यक्रम के आयोजन से ग्रामीणों में काफी उत्साह रहा एवं लोगों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया़