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भारत-बांग्लादेश सीमा पर मिली सुरंग, सुरक्षा में सेंध
किशनगंज : किशनगंज से सटे बंगाल के चोपड़ा थाना अंतर्गत फतेहपुर बीओपी के समीप भारत-बांग्लादेश की सीमा पर लगे फेंसिंग के इस पार से लेकर उस पार तक 80 मीटर लंबा सुरंग मिला है. सुरंग बांग्लादेश की ओर से खोदना शुरू किया गया था. हालांकि जिस जगह से सुरंग खोदना शुरू किया गया है वह […]
किशनगंज : किशनगंज से सटे बंगाल के चोपड़ा थाना अंतर्गत फतेहपुर बीओपी के समीप भारत-बांग्लादेश की सीमा पर लगे फेंसिंग के इस पार से लेकर उस पार तक 80 मीटर लंबा सुरंग मिला है.
सुरंग बांग्लादेश की ओर से खोदना शुरू किया गया था. हालांकि जिस जगह से सुरंग खोदना शुरू किया गया है वह भारत का ही क्षेत्र है और वहां डंकन टी स्टेट का चाय का बागान है. बुधवार को खगड़ा स्थित बीएसएफ सेक्टर हेड क्वार्टर में 139 वीं वाहिनी के कमांडेंट आरएस राम, कमांडेंट दिवाकर कुमार एवं जी ब्रांच के टूआइसी पीके रंजन ने बताया कि सुरंग को संभवत: 15 दिन पहले ही खोदा जा रहा था.
80 मीटर लंबे इस सुरंग का बांग्लादेश की तरफ आयत चार फुट बाय 2 फुट है, जबकि भारत की तरफ 18 इंच ही है. उन्होंने बताया कि सुरंग के भीतर मिट्टी खोदने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला एक फावड़ा एक टी-शर्ट एवं बांग्लादेश निर्मित सिगरेट का पैकेट बरामद हुआ है. कमांडेंट आरएस राम ने बताया कि इस मामले को लेकर चोपड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. प. बंगाल पुलिस भी अपने स्तर से मामले की जांच कर रही है.
कैटल सुरंग के लिए खोदी जा रही थी सुरंग : बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि विगत 2 महीने पहले डीजी स्तर पर और 15 दिन पहले सेक्टर हेड क्वार्टर लेवल पर बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीडीआर के साथ बैठक हुई थी़ इसमें बीएसएफ ने कैटल तस्करी का मुद्दा जोर शोर से उठाते हुए इस पर अंकुश लगाने की बात कही थी़ बांग्लादेश फोर्स ने भी पशु तस्कर पर नकेल कसना शुरू कर दिया है़ जिसका नतीजा है कि पशु तस्कर भूमिगत सुरंग का इस्तेमाल कैटल तस्करी के लिए करना चाह रहे थे़
बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार भारत-बांग्लादेश की सीमा पर लगे फेंसिग के उस पार बांग्लादेश की तरफ जो भारत की जमीन है उस पर तीन फीट से अधिक लंबे उगने वाले पौधे की खेती करने पर प्रतिबंध है़ जहां से सुरंग खोदना शुरू किया गया है वहां डंकन का चाय बागान लगा हुआ है़ लेकिन विगत एक डेढ़ वर्षों से चाय बागान से न तो पत्ती तोड़ी गयी है न ही कटाई छंटाई किया गया है़ जिसके कारण चाय बागान झाड़ी का रूप ले लिया है़ इसी का फायदा उठा कर कैटल तस्कर तस्करी को अंजाम देने के लिए सुरंग का निर्माण कर रहे थे.
भारत-बंग्लादेश सीमा पर बना सुरंग, सुरंग का जायजा लेते 139 वीं के कमांडेंट दिवाकर कुमार
– दो ओर फैले चाय बगान के बीचोबीच खोदा जा रहा था छह फीट ऊंचा सुरंग
– 139वीं बटालियन इस इलाके में करती है गश्त
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