प्रभात खबर में प्रकाशित होते ही प्रशासन आया एक्शन मोड में, स्थल का जायजा लेने पहुंचे अभियंता
.प्रभात खबर में प्रकाशित एक खबर ने जिला प्रशासन को झकझोर कर रख दिया. खबर चलने के तुरंत बाद जिला पदाधिकारी के आदेश पर अभियंता ने गुरुवार को ठाकुरगंज प्रखंड के दल्लेगांव को दो भागों में बांटने वाली मेची नदी का दौरा किया.
पुल बनने के बाद भी उसका क्यों नहीं हो रहा उपयोग, प्रशासन करा रहा जांच
ठाकुरगंज.प्रभात खबर में प्रकाशित एक खबर ने जिला प्रशासन को झकझोर कर रख दिया. खबर चलने के तुरंत बाद जिला पदाधिकारी के आदेश पर अभियंता ने गुरुवार को ठाकुरगंज प्रखंड के दल्लेगांव को दो भागों में बांटने वाली मेची नदी का दौरा कर पुल होने के बावजूद इसका इस्तेमाल नहीं होने के कारणों की जांच की. इस मामले में जिला पदाधिकारी को सूचना दिए जाने की बात कही.बताते चले बुधवार को ही प्रभात खबर ने ”” पुल नहीं होने से नाव के सहारे लोग करते है आवागमन ” शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था. जिसमें दल्लेगांव पंचायत की एक बड़ी आबादी को मेची नदी पर बने अधूरे पुल से हो रही परेशानी पर प्रकाश डाला गया था. चाहे बीमार व्यक्ति को चिकित्सीय सेवा की बात रही हो या किसी अन्य आपदा में भवानीगंज, बैगनबाड़ी, दल्लेगांव, तेलीभीट्टा पाठामारी जैसे गांवों को काफी दिक्कात्तों का सामना करना पड़ता था. इस मामले में विचारणीय विषय यह भी रहा की पुल, सड़क, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य आदि बुनियादी सुविधाओं के घोर अभाव के कारण यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव का हो चुका है बहिष्कार
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पुल निर्माण की मांग को लेकर काम नहीं तो वोट नहीं के तहत ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या-167 के 1218 वोटर, मतदान केंद्र संख्या-168 के 1026 वोटर, मतदान केंद्र संख्या-169 के 1249 वोटर और मतदान केंद्र संख्या-170 के 806 वोटर.कुल 4299 वोटरों ने मतदान का बहिष्कार किया था. अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सरकार के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों को भी चेताते हुए अपनी बात रखी कि अगर आगे भी इस क्षेत्र की अनदेखी की जाएगी तो हम लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देंगे.
इस मामले में केवल मिला आश्वासन
इस मामले में पंचायत की मुखिया सोगरा नाहिद कहती है की अब तक केवल हमें अपने जनप्रतिनिधियों से मात्र आश्वासन ही मिला. विकास के नाम पर हमलोगों का वोट लेकर नेता भूल जाते हैं. मुखिया का कहना है कि दल्लेगांव पंचायत के कुल ग्यारह वार्डों में से वार्ड नंबर- एक, पांच, छह, सात, आठ, नौ, दस व ग्यारह कुल 08 वार्ड के मतदाताओं ने 19 के लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार किया था. उन्होंने कहा की मेची नदी पर पुल न होने के कारण बरसात के दिनों में जीवन नारकीय बन जाता है. नौ महीने चचरी व बरसात के तीन महीने नाव का सहारा लेते हैं. सांसद और विधायक के आश्वासन के बावजूद पुल का निर्माण नहीं कराया गया.लड़के लड़कियों की शादी में हो रही परेशानी
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी चचरी पुल के सहारे आवागमन करना पड़ रहा है. गांव में सड़क नहीं है. बरसात के दिनों में प्रखंड व जिला मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है. जरुरत की सामग्रियों के लिए नावों के सहारे शहर अथवा हाट बाजार जाकर खरीदारी करनी पड़ती है. हमारे गांव में काफी लोग सुखी संपन्न हैं पर आवाजाही की सुविधा उपलब्ध नहीं रहने से हमारे यहां कोई शादी विवाह करने को तैयार नहीं होते हैं. बीमार व्यक्ति अथवा गर्भवती महिला को स्वास्थ्य सेवा देने के लिए खाट का सहारा लेकर नदी पार कराया जाता है.पुल बना पर नहीं बना एप्रोच पथ
इस मामले में ग्रामीणों ने बताया की वर्ष 2020 में सड़क का निर्माण कार्य सुखानी से दल्लेगावं तक संवेदक द्वारा कार्य कराया गया था , योजना में पुल निर्माण के साथ एप्ररोच का निर्माण भी सवेदक को करना था लेकिन पुल का निर्माण तो हो गया लेकिन एप्रोच का काम जमीनी विवाद के कारण नहीं हो सका और इसका असर यह हुआ की उत्क्रमित मध्य विद्यालय दल्लेगांव से डॉक्टर फिरोज के घर तक पुल का एप्रोच पथ तैयार नहीं हो पाया और एप्रोच नहीं होने का असर यह हुआ की नदी ने अपनी धारा ही बदल दी .
बुधवार को अभियंता ने लिया जायजा
वहीं प्रभात खबर में खबर प्रकशित होने के बाद जिला पदाधिकारी के आदेश पर एलईओ के अभियंता अभिषेक आनंद ने पुल के मुहाने पर पहुंच कर आज के हालात की जानकारी ली. हालांकि इस दौरान उनसे जब वार्ता का प्रयास किया गया तप उन्होंने केवल इतना बताया कि प्रभात खबर में खबर प्रकाशित होने के बाद जिला पदाधिकारी के आदेश पर वस्तुस्थिति के जानकारी लेने आया हूं. स्थानीय नागरिकों से जानकारी लेने के बाद जिला पदाधिकारी को जानकरी दे दूंगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है