परिवार नियोजन अपनाएं , घर में खुशहाली लाएं

समुदाय में कुछ लोगों के बीच अपने परिवार को सीमित करने के लिए परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल को लेकर उदासीनता स्पष्ट नजर आती है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2024 8:55 PM

परिवार-नियोजन साधनों की उपलब्धता बिल्कुल आसान जिले की 25.3 प्रतिशत आबादी करती है परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल किशनगंज.छोटा परिवार, सुखी परिवार, इस कथन को सभी ने सुना है और इसकी महत्ता को भी ज्यादातर लोग समझते हैं. किन्तु फिर भी समुदाय में कुछ लोगों के बीच अपने परिवार को सीमित करने के लिए परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल को लेकर उदासीनता स्पष्ट नजर आती है. खासकर पुरुष वर्ग परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल को लेकर लापरवाह नजर आता है. यह तथ्य जिला के आंकड़ों से भी स्पष्ट हो जाता है.

सभी स्वास्थ्य संस्थानों व अस्पतालों में यह साधन आसानी से उपलब्ध

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों और जिला अस्पताल में दैनिक गर्भनिरोधक गोली, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली(छाया), अस्थायी गर्भनिरोधक इंजेक्शन(अंतरा), आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली गर्भ जाँच किट(निश्चय) जैसे अस्थायी साधन पर्याप्त मात्रा में और निःशुल्क उपलब्ध हैं तथा इच्छुक लाभार्थियों के लिए स्थायी साधन भी उपलब्ध हैं. इसके अलावा सभी केन्द्रों पर कंडोम बॉक्स लगाकर कंडोम आसानी से उपलब्ध कराये गए हैं और परिवार नियोजन के साधनों के खरीद, भंडारण और वितरण जैसे आंकड़ों की निगरानी के लिए ऑनलाइन फैमिली प्लानिंग लोजिस्टिक मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम(एफएलएमआईएस) प्रभावकारी साबित हो रहा है.

जिले की स्थिति एक नजर में

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 के अनुसार जिले की 25.3 प्रतिशत आबादी परिवार नियोजन के किसी न किसी साधन का उपयोग करती है| जिला में महिला नसबंदी का प्रतिशत 14.6 है जबकि पुरुष नसबंदी मात्र 0.1 प्रतिशत है जो पुरुषों के उदासीन रवैय्ये को दर्शाता है| जिले की 3.5 प्रतिशत महिलायें गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं| जिले के 7.3 प्रतिशत पुरुष कंडोम का इस्तेमाल कर परिवार नियोजन में अपनी सहभागिता निभाते हैं|

टोल फ्री नंबर से परिवार नियोजन परामर्श जैसी सेवाएँ भी हैं उपलब्ध

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया इन केन्द्रों पर आने वाले लाभार्थियों को परिवार नियोजन संबन्धित तथ्यों, स्थायी- अस्थायी साधनों की उपलब्धता, अंतरा इंजेक्शन के बारे में निःशुल्क जानकारी और उनके लिए उचित परामर्श उपलब्ध करा रहे हैं तथा अस्थायी नियोजन के साधन अपनाने को प्रोत्साहित कर रहे हैं. इसके साथ ही भारत सरकार के टॉल फ्री नंबर (1800116555) के द्वारा भी परिवार नियोजन पर परामर्श और जागरूकता फैलाई जा रही है.

महिला नसबंदी से भी सरल प्रक्रिया है पुरूष नसबंदी

महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आशिया नूरी ने कहा कि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी अधिक सुरक्षित और सरल है. इसके लिए न्यूनतम संसाधन, बुनियादी ढांचा और न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता है. पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है. इस भ्रम को तोड़ना होगा. छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है. परिवार नियोजन सेवाओं को सही मायने में धरातल पर उतारने और समुदाय को छोटे परिवार के बड़े फायदे की अहमियत समझाने की हरसंभव कोशिश सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनवरत की जा रही है. यह तभी फलीभूत हो सकता है जब पुरुष भी खुले मन से परिवार नियोजन साधनों को अपनाने को आगे आएं और उस मानसिकता को तिलांजलि दे दें कि यह सिर्फ और सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है. पुरुष नसबंदी से शारीरिक कमजोरी आती है, यह गलत धारणा है. इसको मन से निकालकर यह जानना बहुत जरूरी है कि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी अत्यधिक सरल और सुरक्षित है. इसलिए दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के लिए और जब तक बच्चा न चाहें तब तक पुरुष अस्थायी साधन कंडोम को अपना सकते हैं. वहीं परिवार पूरा होने पर परिवार नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी को भी अपनाकर अपनी अहम जिम्मेदारी निभा सकते हैं.

परिवार नियोजन साधनों के इस्तेमाल से फायदे

•जनसंख्या स्थिरीकरण में सहयोगी. •कई तरह के यौन संक्रामक रोगों से बचाव.•महिलाओं को अनचाहे गर्भ से छुटकारा और शारीरिक स्थिति में सुधार. •छोटे परिवार से आर्थिक स्थिति में सुधार. •स्वस्थ एवं पोषित गर्भावस्था से शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी. •एचआईवी-एड्स के ख़तरे से बचाव.

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