छठ महापर्व में घर में परिवारों के साथ मनाना मुश्किल
जिले की बड़ी आबादी रहती है दूसरे प्रदेशों में
जिले से काफी संख्या में लोग दिल्ली, मुंबई,सूरत,अहमदाबाद,लुधियाना,अमृतसर में काम करते हैं.बाहर काम करने वाले लोग अब दीपावली तथा छठ पर घर आने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन अभी से इन्हें बिहार आने वाली ट्रेनों में जगह नहीं मिल रही हैं.छठ के बाद बिहार से वापस जाने वाली ट्रेनों में भी वेटिंग टिकट मिल रहा है.ऐसे में बाहर काम करने वालों के साथ ही उनके पर्व पर उनके घर जाने का इंतजार कर रहे परिजनों की भी चिंता बढ़ने लगी है.आंकड़े बताते हैं कि 12 नवंबर को दीपावली मनाने घर आने वालों को ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा है. दिल्ली से बिहार आने वाली,राजधानी,नार्थईस्ट,दिल्ली-एनजेपी,ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस के अलावे दादर गुवाहाटी,बंगलुरु एक्सप्रेस सहित सभी ट्रेनें पहले से ही फुल हैं.किसी तरह बाहर से घर आ गए तो फिर वापस जाने वाली ट्रेनों में भी यही स्थिति है. बिहार से दिल्ली तथा पंजाब जाने वाली ट्रेनों में छठ के बाद कार्तिक पूर्णिमा तक का वेटिंग टिकट मिल रहा है.अब बाहर काम करने वाले लोगों को पर्व पर चलने वाली स्पेशल ट्रेनों की घोषणा का इंतजार है. 150 से 200 के पर वेटिंग दीपावली और छठ महापर्व में घर आने वालों के लिए एक सीट कन्फर्म होना मुश्किल हो रहा है. 15484 महानंदा एक्सप्रेस, 12506 नार्थईस्ट एक्सप्रेस, 15910 अवध आसाम, 12424 राजधानी एक्सप्रेस, 15716 गरीब नवाज एक्सप्रेस, 15657 ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस सहित राजधानी दिल्ली,मुंबई और दक्षिण भारत से किशनगंज आने वाली ट्रेनों में वेटिंग 200 तक पहुंच गई है. वापसी की ट्रेनों में भी स्थिति कमोबेस एक जैसी ही है. छठ पूजा के बाद वापसी की ट्रेनों में भी सीट की उपलब्धता शून्य है.ऐसे में परदेसी और उनके परिजनों की चिंता बढ गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है