किशनगंज प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलवा में शनिवारको प्रसूता की मौत होने पर परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया. तोड़फोड़ किया.कई खिड़कियों के शीशे तोड़ दिये. इलाज के लिये रखे बेड, टेबुल कुर्सी, खिड़की, प्रिंटर आदि कई समान पर उनका गुस्सा फूटा. ड्यूटी पर तैनात एएनएम डर से बाहर भाग गयी. बताया जाता है कि मोतिहारा तालुका पंचायत के पीपल टोला गांव की रुकसाना बेगम (28) पति मो नकीमुद्दीन जबकि बेलवा पंचायत के सालकी गांव में उसका मायका है.
प्रसव पीड़ा के बाद शनिवार की सुबह गर्भवती महिला को भर्ती कराया गया था. प्रसव कक्ष प्रभारी एएनएम रीना कुमारी ने परिजनों को सामान्य प्रसव करने का भरोसा दिया. परिजनों को एएनएम ने बरगला कर पीड़ित महिला को करीब तीन घंटे तक भर्ती रखा. इस बीच गर्भवती महिला की प्रसव कक्ष में ही मौत हो गयी. इसके बाद परिजनों के सब्र का बांध टूट गया. घटना करीब दिन के साढ़े 11 बजे की है.
महिला की मौत के बाद गुस्साये महिला के परिजनों व ग्रामीणों ने अस्पताल में जम कर हंगामा किया.आक्रोशित परिजन व ग्रामीणों को हंगामा करते देख डॉक्टर, बीएचएम, प्रसव कक्ष के प्रभारी समेत अन्य कर्मी किसी तरह जान बचाकर अस्पताल से निकले. घटना की सूचना के बाद बीडीओ परवेज आलम, मुखिया तैयबुर रहमान, सदर थानाध्यक्ष अमर प्रसाद सिंह दल बल के साथ अस्पताल पहुचे.
हंगामा कर रहे परिजनों को बीडीओ व पुलिस पदाधिकारियों ने शांत कराने का प्रयास किया. लेकिन परिजन दोषी एएनएम पर कार्रवाई करने की मांग करने पर अड़े रहे. काफी प्रयास के बाद करीब दो घंटे बाद दोषी एएनएम पर कार्रवाई के आश्वासन पर परिजन शव को अस्पताल से ले गए. मुखिया तैबुर रहमान ने बताया कि घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाय.ताकि इस तरह की घटना दुबारा न घटे. वहीं पीएचसी प्रभारी डॉ कृष्ण कुमार कश्यप ने कहा कि घटना दु:खद है.मामले की जांच करायी जायेगी.दोषी पर कार्रवाई होगी. अस्पताल की संपति क्षति हुई है.उसका आकलन किया जा रहा है.
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परिजनों ने आरोप लगाया कि एएनएम रीना कुमारी प्रसव कक्ष की इंचार्ज है. प्रसव कराने के लिये आयी प्रसूता के परिजनों से अवैध राशि की उगाही करती है. सूत्र बताते है कि समय रहते महिला को रेफर कर देने से प्रसूता व बच्चे दोनों की जान बच सकती थी. लेकिन एएनएम ने पैसे के लालच में रेफर नहीं किया. जिससे प्रसूता की मौत हो गयी.ग्रामीणों ने एएनएम पर कार्रवाई की मांग कर रहे है.
बेलवा पीएचसी में पर्याप्त महिला डॉक्टर नहीं है.एक महिला डॉक्टर की तैनाती है.प्रसव के लिये स्पेशल डॉक्टर नहीं है.एएनएम के भरोसे प्रसव कराया जाता है.जबकि डॉक्टर की देखरेख में प्रसव होना चाहिये.हालांकि केवल अस्पताल की नहीं पूरे जिले में महिला डॉक्टर की कमी है.