सही पोषण और नियमित खान-पान की दी गई जानकारी स्तनपान से होने वाले फायदों पर हुई चर्चा किशनगंज.जिले में कुपोषण के खिलाफ जागरूकता लाने के उद्देश्य से सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में आज जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में अन्नप्राशन दिवस के रूप में मनाया गया. आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अजमल खुर्शीद ने कहा की पोषण की समस्या को जड़ से मिटाने के लिए हमारी जिले की सभी आंगनबाड़ी दीदी समस्या को जड़ से मिटाने के लिए काफी सजग और संकल्पित है. जन -जन के सहयोग से पोषण माह का उद्देश्य सफल होगा. पोषण माह का मुख्य उद्देश्य कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण है. लेकिन यह तभी संभव है जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति को उचित पोषण की जानकारी होगी. पोषण माह के माध्यम से कार्यक्रमों का आयोजन कर समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पोषण का संदेश पहुंचाया जा रहा है.
घर के खाद्य पदार्थों से करें अनुपूरक आहार का निर्माण
जिला समन्यवक मंजूर आलम ने बताया कि बच्चों को अन्नप्राशन के साथ कम से कम दो वर्षों तक स्तनपान भी कराएं तभी बच्चे के स्वस्थ शरीर का निर्माण हो पाएगा. इसके अलावा 6 माह से ऊपर के बच्चों के अभिभावकों को बच्चों के लिए पूरक आहार की जरूरत के विषय में जानकारी दी गयी. 6 माह से 9 माह के शिशु को दिन भर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 9 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाने की सलाह दी गयी. शिशु के लिए प्रारंभिक आहार तैयार करने के लिए घर में मौजूद मुख्य खाद्य पदार्थों का उपयोग किया जा सकता है. सूजी, गेहूं का आटा, चावल, रागा, बाजरा आदि की सहायता से पानी या दूध में मिलाकर दलिया बनाए जा सकते हैं. बच्चे की आहार में चीनी अथवा गुड को भी शामिल करना चाहिए क्योंकि उन्हें अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है. 6 से 9 माह तक के बच्चों को गाढे एवं सुपाच्य दलिया खिलाना चाहिए. वसा की आपूर्ति के लिए आहार में छोटा चम्मच घी या तेल डालना चाहिये. दलिया के अलावा अंडा, मछली, फलों एवं सब्जियों जैसे संरक्षक आहार शिशुओं के विकास में सहायक होते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है