शमशान की भूमि पर चला दिया जेसीबी सरकारी सड़क की भी कर दी है खुदाई पौआखाली .जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत खारुदाह पंचायत में श्मशान की भूमि को जेसीबी से तहस नहस करने तथा मनरेगा योजना से निर्मित सड़क की खुदाई का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. इस संबंध में उचित कानूनी कार्रवाई हेतु ग्रामीणों ने जिलाधिकारी तुषार सिंगला को लिखित आवेदन सौंपा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला चार जून का है जब सरताज और यासीन नामक दो व्यक्तियों पर पंचायत सरकार भवन में मिट्टी उपलब्ध कराने के नाम पर पंचायत के एकमात्र श्मशान घाट के हिस्से को जेसीबी मशीन से नुकसान पहुंचाने के अलावे श्मशान घाट से गांव की मुख्य सड़क को जोड़ने वाली एकमात्र कच्ची सड़क की पांच फीट खुदाई कर तहस नहस करने का गंभीर आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने अपनी लिखित शिकायत में डीएम को जानकारी दी है कि पूर्वजों का श्मशान घाट नदी में विलीन हो जाने के कारण खाता 118 खेसरा 461 कुल रकवा 25 डिसमिल जमीन जो बिहार सरकार की जमीन है जिसपर किसी अन्य व्यक्तियों का कब्जा था उन्हे पैसे चुकाकर उक्त जमीन के हिस्से में पिछले सात वर्षों से हिंदू समुदाय के लोग शवों का दाह संस्कार करते आ रहे हैं और शमशान की भूमि पर सात लाख की राशि से शवदाह गृह और एक शेड का भी निर्माण कराया गया है. इतना ही नहीं श्मशान घाट तक पहुंचने के लिए एकमात्र कच्ची सड़क जो कि सरकारी सड़क है में वर्ष 2020 में भी और वर्ष 2024 में भी मनरेगा योजना से मिट्टी भराई का कार्य किया गया है. बावजूद उक्त सड़क को जेसीबी और ट्रैक्टर की मदद से पांच- पांच फीट तक की खुदाई कर बर्बाद कर दिया है. वहीं इस मामले को काफी गंभीर बताते हुए ठाकुरगंज के पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने भी डीएम तुषार सिंगला से जांच की मांग की है. वहीं ग्राम कचहरी के सरपंच आरिफ हुसैन और मुखिया मो जाकिर ने भी ग्रामीणों के आवेदन को जायज ठहराते हुए डीएम से जांच की मांग करते हुए उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है. उधर इस मामले को लेकर खरुदाह की जनता में आक्रोश पनप रहा है. जिला प्रशासन को चाहिए कि अविलंब इस दिशा में जांच कर शमशान घाट और मनरेगा योजना से निर्मित कच्ची सड़क को नुकसान पहुंचाने वाले दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करें.
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