रासायनिक खाद के उपयोग से बचें, सरकारी योजनाओं का लाभ उठायें किसान : नईमी

खेती में रासायनिक खाद के प्रयोग का दुष्परिणाम किसी से छिपा नहीं है. रसायनिक खाद से उत्पादित फसल जीवन में कई तरह की बीमारियों को लेकर आता है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 16, 2024 10:22 PM

बहादुरगंज. खेती में रासायनिक खाद के प्रयोग का दुष्परिणाम किसी से छिपा नहीं है. रसायनिक खाद से उत्पादित फसल जीवन में कई तरह की बीमारियों को लेकर आता है. जिससे किसानों को सजग रहने की जरूरत है. ये बातें शनिवार को ई किसान भवन कैंपस में आयोजित रबी महाअभियान 2024 के एक दिवसीय प्रखंड स्तरीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान राजद विधायक अंजार नईमी ने कही. इससे पहले विधायक नईमी ने जिला कृषि पदाधिकारी शांतनु सिंह, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी बरुण कुमार, सेवानिवृत कृषि उप निदेशक डॉ पीपी सिन्हा की मौजूदगी में मंच पर दीप प्रज्वलित कर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया. मौके पर विधायक ने रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद के अधिकाधिक उपयोग के फायदे गिनाये एवं कहा कि यह न केवल मानव स्वास्थ्य की रक्षा में बेहतर है, बल्कि इससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी बरकरार रहती है. उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा मिले इसके लिए विभागीय स्तर पर भी समुचित कदम उठाने की आवश्यकता है. बेहतर होता किसान सलाहकार किसानों में जागरूकता को लेकर आगे आते एवं किसानों को जैविक खेती के फायदे गिनाते. विधायक ने कहा कि समय पर किसानों को बीज उपलब्ध कराने के मुद्दे को भी जिले की बैठक में उठाया गया था. जिसका परिणाम है कि समय पर किसानों को बीज उपलब्ध है. मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी शांतनु सिंह ने क्षेत्र के किसानों को विभागीय स्तर से सभी लाभ उठाने को कहा तथा वर्मी कंपोष्ट के उपयोग बल दिया. उन्नत खेती के लिए यहां की जलवायु एवम जल स्तर भी उपयुक्त है. यहां तक कि संसाधनों की भी कमी नहीं है. बेहतर होता किसान जागरूक रहकर विभाग द्वारा प्रदत्त योजना एवं तकनीक को अपना कर उन्नत खेती की तरफ अग्रसर हो. कृषि यांत्रीकरण योजना के योजना के तहत 75 प्रकार के कृषि यंत्र 40 से 80 प्रतिशत अनुदान पर तथा मेनुअल किट मात्र दो सौ में उपलब्ध हो रहा है. अन्य यंत्र ऑनलाइन आवेदन कर प्राप्त करने का भी प्रावधान है. इससे पहले उन्होंने मानव स्वास्थ्य की रक्षा को ध्यान में रखते हुए मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया. जिसके लिए मुफ्त बीज के साथ प्रति एकड़ दो हजार प्रोत्साहन राशि दिये जाने की जानकारी दी. कार्यशाला के दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने उन्नत कृषि पर टिप्स दिये. कार्यशाला के दौरान रिटायर्ड उप निदेशक डॉ पीपी सिन्हा, उप प्रमुख डॉ मेराज आलम, डॉ ई रेजा, डॉ बंदना कुमारी, डॉ नीरज कुमार, कृषि सलाहकार सहित दर्जनों किसान मौजूद थे.

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