एनटीडी दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
स्वास्थ्य कर्मियों ने महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर कुष्ठ रोग के प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने और इसके उन्मूलन का संकल्प लिया. साथ ही, विश्व कुष्ठ दिवस पर लोगों को इस रोग के लक्षणों, रोकथाम और इलाज के बारे में जागरूक किया गया.
स्वास्थ्य कर्मियों ने ली शपथ, एनटीडी रोगों के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई पर जोरकिशनगंज.विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (एनटीडी) दिवस के अवसर पर जिले में विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस वर्ष की थीम “जनप्रतिनिधि और समुदाय को एकजुट कर एनटीडी रोगों के उन्मूलन की अपील ” है. इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर कुष्ठ रोग के प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने और इसके उन्मूलन का संकल्प लिया. साथ ही, विश्व कुष्ठ दिवस पर लोगों को इस रोग के लक्षणों, रोकथाम और इलाज के बारे में जागरूक किया गया.
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया, कालाजार, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और रेबीज जैसे रोग एनटीडी श्रेणी में आते हैं, जो मुख्य रूप से मक्खियों, मच्छरों के संक्रमण या स्वच्छता की कमी से फैलते हैं. ये रोग गरीब और पिछड़े समुदायों को अधिक प्रभावित करते हैं, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.उन्होंने बताया कि जिले के सभी सात प्रखंडों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत दो प्रमुख रणनीतियों पर कार्य किया जा रहा है:सामुदायिक भागीदारी से होगा एनटीडी रोगों का उन्मूलन
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने कहा कि एनटीडी रोगों को अब तक “उपेक्षित ” माना जाता था, लेकिन अब इन्हें प्राथमिकता दी जा रही है. उन्होंने कहा कि सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से इनका उन्मूलन संभव नहीं है, बल्कि इसमें जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और आम जनता की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है.स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, जिसमें गांव-गांव जाकर लोगों को सही जानकारी दी जा रही है. आशा और एएनएम कार्यकर्ता घर-घर जाकर कुष्ठ रोग और फाइलेरिया की पहचान कर रही हैं, वहीं जागरूकता शिविरों के माध्यम से लोगों को स्वच्छता और सही उपचार के बारे में जानकारी दी जा रही है.सभी ने जताई प्रतिबद्धता
इस अवसर पर स्वास्थ्य कर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने एनटीडी रोगों के उन्मूलन की प्रतिबद्धता जताई और सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियानों को सफल बनाने का संकल्प लिया.एनटीडी रोगों के खिलाफ यह लड़ाई सामूहिक प्रयासों से ही सफल हो सकती है. यदि लोग समय पर सही जानकारी प्राप्त कर उचित उपचार लें और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों में सहयोग करें, तो बिहार को एक स्वस्थ और रोगमुक्त राज्य बनाने का सपना जल्द ही साकार हो सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है