डेंगू से बचाव को लेकर सामुदायिक स्तर पर लोगों को किया जायेगा जागरूक

दिन में भी सोते हैं तो अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं

By Prabhat Khabar News Desk | July 15, 2024 7:21 PM

-जुलाई माह डेंगू माह के रूप में मनाया जाएगा -दिन में भी सोते हैं तो अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं

प्रतिनिधि, किशनगंज

डेंगू के प्रति जिले में जन -जागरूकता हेतु जुलाई माह को डेंगू माह के रूप में मनाने हेतु तैयारी की जा रही है. साथ ही सामुदायिक स्तर पर लोगों को डेंगू के कारण, लक्षण, उपचार एवं इससे बचाव के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध करायी जानी है. इसको लेकर जिले में व्यापक तैयारी की जा रही है. इस बात की जानकारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने दी है. उन्होंने बताया समुदाय के बीच जन -जागरूकता के लिए ही जुलाई माह को डेंगू माह के रूप में मनाया जाता है .इसको लेकर जिले के सभी स्कूलों में भी उनके वर्ग में जाकर डेंगू के पोस्टर के साथ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा .

दिन में भी सोते हैं तो अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की डेंगू बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होता है. इसलिए, अगर आप दिन में भी सोते हैं तो अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं. पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें. घर एवं सभी कमरे को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाएं रखें. साथ ही आसपास भी साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें. इसके लिए अपने पड़ोस में रहने वाले अन्य लोगों को भी जागरूक करें. ताकि इस बीमारी के दायरे से सामुदायिक स्तर पर लोग दूर रहें. इस बीमारी से बचाव के लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की दरकार है. दरअसल, डेंगू के शुरुआती लक्षण बुखार से ही शुरू होते हैं. जिसके कारण लोगों को बीमारी की पहचान करने में भी काफी परेशानी होती है. इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाँच कराने की जरूरत है.

सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था है उपलब्ध

डेंगू के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था उपलब्ध है. यह बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होता है, जो स्थिर साफ पानी में पनपता है. इसलिए, घर समेत आसपास में जलजमाव नहीं होने दें. जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें.

डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा ऑखों के पीछे दर्द होना.

– त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान. – नाक, मसूढ़े से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना.

बचाव के उपाय

– दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

– पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें अथवा मच्छर भगाने वाली दवा, क्रीम का उपयोग करें.

– टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी,फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, गमला, फूलदान, घर के अंदर एवं आसपास पानी नहीं जमने दें.

– जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें अथवा कीटनाशक दवा.

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