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बांग्ला सावन शुरू होते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हरगौरी मंदिर में किया जलाभिषेक

बांग्ला सावन बुधवार को शुरू होते ही ऐतिहासिक हरगौरी मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. शहरी क्षेत्र के अलावे ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में भक्त पूजा के लिए आये थे.

ठाकुरगंज. बांग्ला सावन बुधवार को शुरू होते ही ऐतिहासिक हरगौरी मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. शहरी क्षेत्र के अलावे ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में भक्त पूजा के लिए आये थे. इस दौरान भक्तों ने बाबा से मन्नतें भी मांगी. श्रद्धालु सुबह से हरगौरी मंदिर प्रांगण पहुंचने लगे थे. वहीं, ठाकुरगंज प्रखंड के तमाम शिवालयों में भी बांग्ला सावन के प्रथम दिन पर पूजा-अर्चना की गई. बता दें इस वर्ष 17 जुलाई से बंगाली समाज के सावन की शुरुआत हो गई है.

मंदिर का स्वर्णिम इतिहास

बताते चले ठाकुरगंज का प्राचीन नाम कनकपुर था. वर्ष 1880 में राष्ट्रकवि रविंद्रनाथ ठाकुर के बड़े भाई सर ज्योतिन्द्र मोहन ठाकुर ने खरीदा तब से यह कनकपुर से ठाकुरगंज बन गया. 1897 ई में ठाकुरगंज के पूर्वोत्तर कोण में टेगोर परिवार द्वारा अपने कार्यालय निर्माण के लिए की जा रही खुदाई के क्रम में एक फ़ीट उंचा शिवलिंग मिला,जिसके आधा भाग में जगत जननी माता पार्वती की प्रतिमा अंकित है. इसे रविंद्र नाथ ठाकुर के वंशज कोलकाता में स्थापित करना चाहते थे और वे इसे वहा ले भी गए. परन्तु इस शिवलिंग को उसी जगह स्थापित करने का स्वप्न आने के बाद इस कोलकाता से वापस लाकर बँगला संवत 21 माघ 1957 को स्थापित कर दिया गया. ठाकुर परिवार द्वारा नियुक्त पंडित स्व भोला नाथ गांगुली का परिवार आज भी इस मंदिर में पुजारी के पुजारी के रूप में कार्यरत है.

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