किशनगंज. कुछ दिनों से जिले में गैस सिलिंडर से आग लगी की घटनाएं बढ़ी है और गैस सिलिंडर से लगी आग से आंखों के सामने ही पीड़ितों के जीवन भर की कमाई पल भर में राख के ढेर में तब्दील हो जा रही हैं. साथ ही जान भी गंवानी पड़ रही है. आग की चपेट में आने से जीवन भर की कमाई तो जा ही रही है, लोग भी अगलगी के शिकार हो जा रहे हैं. गत 30 अप्रैल को ही गैस सिलिंडर में लगी आग से जिले के पौआखाली के वार्ड संख्या 11 के ननकार गांव में मां समेत तीन मासूम बच्चों की आग से झुलस कर मौत हो गयी थी.
एक छोटी सी लापरवाही की तो जानलेवा हो सकता है गैस सिलिंडर
इस घटना के अलावे भी जिले में गैस सिलेंडर से आग लगने की घटनाएं घट चुकी हैं. दरअसल, गर्मी के दिनों में रसोई गैस से अक्सर दुर्घटनाएं होने की संभावना बनी रहती है. गैस सिलिंडर के नोजल में लगने वाला रबर गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाता है. इससे ऐसी घटनाएं होती हैं और लोग हताहत होते हैं. इसके अलावा कुछ मामलों में गैस कंपनियां या गैस एजेंसियों की लापरवाही भी होती है. जबकि, कभी-कभी लोग भी लापरवाही बरतते हैं. गर्मी में सिलिंडर को लेकर विशेष रूप से सावधानियां बरतनी चाहिए, नहीं तो यह काफी खतरनाक साबित भी हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मी के दिनों में गैस सिलिंडर रिसाव के मामले ज्यादा आते हैं और थोड़ा सा रिसाव होने पर ही आग लग जाती है. ताज इंटर प्रोजेज के तल्हा यूसूफ ने बताया कि सिलेंडर का नोजल लगाने के लिए ओरियन नामक रबर का उपयोग होता है और इसको ठीक रखने के लिए व्हाइटान रबर का इस्तेमाल होता है गर्मी के दिनों में बाहरी वातावरण में तापमान अधिक होने पर रबर पिघलकर कमजोर हो जाते हैं और इसके कारण ही अचानक गैस का रिसाव होने लगता है और अक्सर गर्मी के दिनों में किसी भी चीज से आसानी से आग लग जाती है. इसके कारण आग जल्दी पकड़ लेती है. सिलिंडर से रिसाव होने पर सिलिंडर में लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) इतना सक्रिय हो जाता है कि बाहर निकलने के लिए दवाव देने लगता है.
चूल्हे को को हमेशा सिलिंडर से ऊंचे स्थान पर रखें
उन्होंने बताया कि कई बार एलपीजी के रिसाव से घटनाएं भी सामने आती हैं, जिसमें मुख्य रूप से एलपीजी सिलिंडर और चूल्हे को जोड़ने वाली निम्न गुणवत्ता वाली या क्षतिग्रस्त पाइप के अलावा लंबे समय तक एक ही पाइप के उपयोग करने से इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं. वहीं रेगुलेटर के समीप गैस लीकेज होने पर भी आग लगने की घटनाएं होती है. इसलिए गैस चूल्हे को हमेशा सिलिंडर से ऊंचे स्थान पर रखना चाहिए, लोग मॉडर्न किचन बनाने की चाहत में में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखते हैं. कई बार लोग गैस सिलिंडर को किचन के संकरा स्थान पर रखते हैं, जिससे गैस रिसाव की जानकारी लोगों को देर से मिलती है और गैस सिलिंडर रखने वाली जगह संकरा होने से आग पर काबू पा पाने में भी काफी कठिनाई होती है.गैस का रिसाव हो तो, क्या करें
गैस का रिसाव होने पर वेंटिलेशन के लिए सभी खिड़की और दरवाजे खोल दें कहीं जल रहे आग, दीपक, अगरबत्ती आदि को बुझा दें. वितरक या आपातकालीन सेवा को मदद के लिए फोन करें तत्काल रेग्यूलेटर और बर्नर का नॉब बंद कर दें. कमरे में बिजली के स्विच या उपकरणों को चालू ना करें.क्या हैं सुरक्षा के उपाय
सिलिंडर लेते समय अवश्य जांच करें कि एलपीजी सिलिंडरों पर कंपनी सील लगी है या नहीं गैस उपकरणों की समय-समय पर सर्विसिंग मैकेनिक से करायें. हर रात सोने से पहले रेग्यूलेटर का नॉब बंद कर दें. सिलिंडर को हमेशा हवादार जगह पर सीधा रखें सिलिंडर से रिसाव हो रहा हो तो उसे रोकने के लिए वॉल्व पर कैप को ठीक से लगाएं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है