बायसी. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खुटिया पंचायत में नाव नहीं रहने के कारण थर्मोकोल का नाव पर पार होते है ग्रामीण. जानकारी के अनुसार खुटिया पंचायत के मुखिया सुकारु रॉय ने बताया कि खुटिया पंचायत नीचा होने के कारण लगभग गांव के चारों तरफ बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
खुटिया गांव परमान नदी के किनारे बसा हुआ है. खुटिया गांव से सड़क पर आने के लिए कोई साधन नहीं है. अभी खुटिया गांव एक टापू बना हुआ है. वहां के लोगों को नाव पर सवार होकर 3 किलोमीटर सफर करने के बाद तब वह सड़क पर पहुंचते हैं. सरकारी नाव नहीं मिली है. उनलोगों को वहां काफी परेशानी हो रही है.
शाहपुर, रहिकाटोली, अर्राबाड़ी में नाव नहीं रहने के कारण ग्रामीण चंदा इकट्ठा कर थर्मोकोल का नाव बनाये हैं और उसी में लोग आवागमन करते हैं. एक थर्मोकोल का नाव में लगभग 3 हजार का खर्च पड़ता है और उसमें 5 से 6 आदमी बैठा जा सकता है. लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर तब उसमें पार होते हैं. खुटिया पंचायत में एक भी सरकारी नाव नहीं है. प्रखंड में खुटिया पंचायत एक ऐसा पंचायत है जो अभी तक प्रखंड मुख्यालय से नहीं जुड़ा है, जिस कारण यहां के लोगों को ज्यादा परेशानी होती है.
खुटिया जाने के लिए अभी तक कोई सड़क नहीं बनी है. खुटिया गांव के लोग बरसात के महीने में चार माह अपने घर पर ही रहते हैं .वार्ड सदस्य मोहम्मद जहांगीर, मोहम्मद साजिद ,भीम लाल यादव, प्रमोद यादव एवं मोहम्मद मासूम समेत कई लोगों ने सरकार से बायसी को आपदा घोषित करने की मांग की है.
posted by ashish jha